Monday, November 25, 2024
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सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं डाक टिकट – डाक निदेशक केके यादव

डाक टिकटों और पत्रों का संवेदनाओं से गहरा रिश्ता -डाक निदेशक केके यादव
डाक विभाग द्वारा माउन्ट आबू में ’फिलेटलिक सेमिनार’ व ’ढाई आखर’ पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन
जोधपुर, राजस्थान जन सामना ब्यूरो। फिलेटली सिर्फ डाक टिकटों का संग्रह ही नहीं, बल्कि इसका अध्ययन भी है। डाक टिकटों और पत्रों का संवेदनाओं से गहरा रिश्ता है। सोशल मीडिया और वाट्सएप के इस दौर में कॉपी-पेस्ट की बजाय डाक टिकटों व पत्रों के पीछे छुपी कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है, ताकि उनमें रचनात्मक अभिरुचि विकसित की जा सके। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग द्वारा माउन्ट आबू में आयोजित फिलेटलिक सेमिनार व क्विज एवं ’ढाई आखर’ राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता का शुभारम्भ करते हुए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, आबूपर्वत में बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन में व्यक्त किये। इसमें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, आबूपर्वत के अलावा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, निर्मला बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, आदर्श विद्या मंदिर, बी.ए.पी.एस. स्वामी नारायण विद्या मंदिर तथा सेंट जोसफ माध्यमिक विद्यालय, आबूपर्वत के 200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।
डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि राजस्थान से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों, विभूतियों और यहाँ की कला व संस्कृति को डाक टिकटों पर भरपूर स्थान मिला है। डाक टिकट लोगों को अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। श्री यादव ने कहा कि पत्र-लेखन साहित्य की एक गंभीर विधा भी है। डाक विभाग ’ढाई आखर’ के माध्यम से पत्र-लेखन की परम्परा को आधुनिक पीढ़ी से भी जोड़ रहा है। इसके तहत 30 सितंबर तक ’मेरे देश के नाम खत’ लिखिए और यदि आपका पत्र चुना गया तो पाँच हजार से पचास हजार रूपये तक का पुरस्कार भी मिलेगा।
बतौर विशिष्ट अतिथि आबूपर्वत के उपखण्ड मजिस्ट्रेट आईएएस निशांत जैन ने कहा कि हर डाक टिकट एक अहम एवं समकालीन विषय को उठाकर वर्तमान परिवेश से इसे जोड़ता है, इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होता है।
नगरपालिका उपसभापति आबूपर्वत अर्चना दवे ने कहा कि वक्त के साथ डाक विभाग ने अपनी सेवाओं में तमाम नए आयाम जोड़े हैं। ऐसे सेमिनार निरंतर होते रहने चाहिये, ताकि अधिक से अधिक लोग डाक टिकट की खूबियों व पत्र लेखन के प्रति आकर्षित हो सकें।
सिरोही मंडल के डाक अधीक्षक डी. आर. सुथार ने कहा कि फिलेटली के क्षेत्र में तमाम नए कदम उठाये जा रहे हैं। अब लोग अपनी तस्वीर वाली डाक टिकट भी बनवा सकते हैं। डाकघरों में मात्र 200 रूपये में फिलेटलिक डिपाजिट एकाउंट खोलकर घर बैठे नई डाक टिकटें व अन्य सामग्री प्राप्त की जा सकती हैं।
मोहनलाल, प्राचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आबूपर्वत ने शैक्षणिक दृष्टि से डाक टिकटों व पत्रों से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए बच्चों को इस ओर प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के आरम्भ में सहायक डाक अधीक्षक तरुण शर्मा ने विद्यार्थियों को पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से फिलेटली के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में सेमिनार व क्विज के प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।
इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक पुखराज राठौड़, डाक निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह, उपडाकपाल जयंतीलाल, विजयराज, रणछोड़राम चैधरी, धीरेन्द्र सिंह, मीना शाह, दीपक माली, मूल सिंह सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी, अध्यापकगण व स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।