Tuesday, November 26, 2024
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क्यों बहाने से मुझे रोज याद करते हो…

कानपुरः धर्मेन्द्र कुमार। माध्यम साहित्यिक संस्थान के तत्वावधान में रविवार को स्मृतिशेष गोपालदास नीरज की याद में कानपुर मण्डल की मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन टैगोर बालिका विद्यालय बाल मंदिर इण्टर कालेज हूलागंज में आयोजित किया गया । गोष्ठी का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना के साथ किया गया। गोष्ठी का संचालन संस्था के सचिव धीरेंद्र श्रीवास्तव ने किया। गोष्ठी में गीत ऋषि के० के० शुक्ला ने अध्यक्षता की। इस मौके पर श्याम सिंह पंवार ने साहित्यिक रचनाओं में होने वाली त्रुटियों में सुधार लाने का सुझाव दिया। इस मौके पर डाॅ. कमलेश द्विवेदी ने अपनी रचना, चाहे जितने गीत लिखें ताजमहल की सुंदरता पर चाहे जितने गीत लिखें हम शाहजहाँ की प्रेम कथा पर…सुनाई। वहीं आर सी गुप्ता ने जब से मेरी जिंदगी मोबाइल हुई है पत्नी मिसाइल हुई है …सुनाकर वाहवाही लूटी।
जी एस मिश्रा ने सुनाया, मुझे प्यार पर है भरोसा तुम्हें दिल ही दिल में चाहते हैं…. सुनाई।
जबकि मंदीप तिवारी ने चलो एक बार मिलकर नया आशिया बनाते हैं…, मनोज यादव ने बात को कुछ यूँं दबाया जा रहा है….., हामिद कानपुरी ने एक अनुपम गुलाब थे नीरज
रामगोपाल आभा तेरे मुखमंडल की लगती सागर की मस्ती है….., अंजना कुमार ने परिंदों को आगाज बनाता हूँं …सुनाई।
वहीं मधु श्रीवास्तव ने क्यों बहाने से मुझे रोज याद करते हो…सुनाकर भावविभोर कर दिया। अजीत राठौर उर्फ लुल्ल कानपुरी ने दिल दिमाग दृष्टि का त्रिभुज ….व विनोद त्रिपाठी ने मैं कवि हूँं कलमकार हूँं …..रचना सुनाई।
संतोषी दीक्षित ने हे मानव तू जिस दिन स्वयं से अपनी पहचान करायेगा…व आदित्य कटियार ने ऐसा एक सिलसिला चलाओ तुम…सुनाकर तालियां बटोरी।
गोष्ठी में सुनील गुप्ता, आभा द्विवेदी, मधु श्रीवास्तव, आनंद पाण्डेय तनहा, ज्योत्सना चक्रवर्ती, नवीन मणि त्रिपाठी, कमलेश द्विवेदी, शशि शुक्ला, आदर्श सक्सेना, मंदीप तिवारी, गिरिजा शंकर, छुन्नालाल, उदय नारायण, आर सी गुप्ता, अजीत सिंह राठौर उर्फ लुल्ल कानपुरी, रामगोपाल, शीतल वाजपेयी, गोविंद नारायण शाण्डिल्य, आदित्य कटियार, हामिद इदरीशी ने कवितायें / गजलें सहित अपनी-अपनी रचनाएं सुनकर तालियां बटोरी। इस मौके पर काफी संख्या में विदुजन मौजूद रहे। गोष्ठी में स्व. गोपालदास नीरज जी को श्रद्धान्जलि भी अर्पित की गई।