मीरजापुर, संदीप कुमार श्रीवास्तव। कन्या भ्रूण हत्या से सामाजिक समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके रोकथाम के लिए गठित च्ब्च्छक्ज् (प्रसव पूर्व गर्भ धारणपूर्व निदान टेक्नोलॉजी) की बैठक हुई जिसमें यह तय किया गया कि जिन चिकित्सकों के यहां अल्ट्रासाउंड मशीन से लिंग पहचान की जाती है, उनके खिलाफ संस्था कार्रवाई करती है।
बुधवार को सीएमओ कार्यालय के विवेकानन्द सभागार में हुई बैठक में इस पर रणनीति बनी तथा योग्य चिकित्सकों को अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने पर सहमति तथा स्वीकृति दी गयी। बैठक में जिले के प्रमुख चिकित्सक डॉ सी. पी. सिंह के नर्सिंग होम तथा हेरिटेज द्वारा महिला अस्पताल में संचालित हिम्स केयर सेंटर के आवेदन पत्र पर गहन विचार विमर्श के बाद स्वीकृति दी गयी। बैठक में यह आश्वासन लिया गया कि इसका प्रयोग लिंग पहचान के लिए नहीं बल्कि बीमारी के लिए किया जाएगा।
बैठक में डिप्टी सीएमओ डॉ गुलाब बर्मा ने नोडल आफिसर के रूप में कमेटी के कार्यों पर प्रकाश डाला जबकि अतिरिक्त सीएमओ डॉ अरुण कुमार, महिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ मानिक चंद के अतिरिक्त सलिल पांडेय, सन्ध्या, डीजीसी (सिविल) शिवप्रसाद सिंह उपस्थित थे।
बैठक में सलिल पांडेय ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु बैनर लगवाए जाए। अनेक धार्मिक ग्रन्थों में गर्भस्थ कन्या की हत्या करने वाले की तीसरी पीढ़ी निःसंतान होती है, इसका भी उल्लेख किया जाए। बैठक में जिला अस्पताल के पूर्व फिजिशियन डॉ सी. पी. सिंह एवं हेरिटेज के जिला प्रबंधक सुरेंद्र उपाध्याय भी उपस्थित थे।