Monday, November 25, 2024
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हमारी असलियत तो तब सामने आती है जब कोई हमारा अपमान करता है-संजीव

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। एक कौने में संसार से अलग बैठकर तो कोई भी शान्त रहने का प्रयास कर सकता है लेकिन हमारी असलियत तो तब सामने आती है जब हम संसार के बीच में होते हैं और कोई हमारा अपमान करते है और हमसे कुछ ऐसा बोलते हैं जो हमें चुभता है। खुश रहने के लिए किसी के भी बुराई रूपी कचरे को अपने दिमाग में नहीं रखना। कुछ इस प्रकार के मंत्रों को देकर नव प्रशिक्षुओं को जीवन में होने वाले संघर्ष में भी खुश रहने के मंत्र प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय आनन्दपुरी कालोनी केन्द्र द्वारा सुरक्षा प्रभाग के माध्यम से सुरक्षाबलों को भारत तथा विदेशों में खुशनुमा जीवन, तनाव प्रबन्धन, क्रोध प्रबन्धन एवं समय प्रबन्धन सिखाने वाले तनाव मुक्ति विशेषज्ञ बीके संजीव ने पुलिस लाइन में आयोजित एक कार्यक्रम में दिये।
उन्होंने कहा कि सारी जिन्दगी इंसान को यह सीखने में लग जाती है कि क्या बोलना हैं और कब बोलना है, क्या नहीं बोलना है और कब नहीं बोलना है। फिर भी बोलना नहीं सीख पाते। इस एक बोल की वजह से ही तमाम कोर्ट कचहरी भरी पड़ी हैं। खुश रहने के लिए मूड आॅफ न करना तथा माफ करना भी सीख लेना चाहिए। आज हम एसी में बैठते हैं लेकिन दिमाग को ठण्डा नहीं रख पाते हैं। जिसने दिमाग को ठण्डा रखना सीख लिया वह किसी भी परिस्थति को पार करके सफल हो सकता है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की राजयोग शिक्षिका शान्ता बहिन ने कहा कि दिमाग ठण्डा रखने के लिए राजयोग का अभ्यास चाहिए और राजयोग के अभ्यास से पहले अपनी वास्तविकता से परिचय भी चाहिए कि मैं इस शरीर रूपी गाड़ी को चलाने वाली चैतन्य शक्ति आत्मा हूँ और सर्वमान्य परमपिता परमात्मा शिव की संतान हूँ। उन्होंने सभी को राजयोग का गाइडैड काॅमेण्ट्री के माध्यम से अभ्यास भी कराया।
आर. आई. जगदीष लाल टमटा ने ब्रह्माकुमारीज़ संगठन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रषिक्षण काल के समय जीवन से सम्बन्धित जो भी महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है उसे आत्मसात करने से ही लाभ होगा।
इस अवसर पर पूर्व सहायक कोषाधिकारी बीके दाऊदयाल अग्रवाल, पी.टी.आई श्रीकृष्ण, लाइन मेजर रोहन सिंह, आई.टी.आई. शिवराम सिंह, सावंत सिंह, शरीख खान, प्रेम प्रकाश आदि उपस्थित थे।