कानुपर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में कर्मचारियों की दिनांक 25,26,27 2018 को प्रस्तावित हड़ताल के सम्बन्ध में सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक करते हुए निर्देश दिये है सभी विभागाध्यक्ष अपने विभाग के कर्मचारियों को पेंशन के सम्बन्ध में वस्तु स्थिति से अवगत कराये और नवीन पेंशन योजना की पूरी जानकारी देते हुए उनकी भ्रांतियों को दूर करें। जिलाधिकारी ने अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के नियम 3 में उल्लिखित है कि प्रत्येक सरकारी सेवक हर समय अपनी डियूटी के प्रति पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण रखेगा। आचरण नियमावली के नियम 5-1(2) में यह व्यवस्था है कि कोई सरकारी सेवक अपनी सेवा या अन्य किसी सरकारी सेवक की सेवा सम्बन्धी मामलों में किसी भी प्रकार की हड़ताल के लिए न ही सहायता करेगा और न ही सम्मिलित होगा। जिलाधिकारी द्वारा अपेक्षा की गयी है कि कोई भी कर्मचारी नियमों का उल्लघंन न करें। कतिपय सेवा संगठनों द्वारा दिनांक 25 अक्टूबर से 27 अक्टूबर 2018 तक हडताल किये जाने की संम्भावना को देखते हुए शासन द्वारा ‘‘कार्य नही तो वेतन नही‘‘ के सिद्धांत के आधार पर उक्त अवधि में कार्य न करने वाले ऐेसे कार्मिकों को वेतन भुगतान न किये जाने के निर्देश है। उन्होनें बताया कि इस अवधि में किसी अधिकारी कर्मचारी का कोई अवकाश स्वीकृत नही किया जाएगा। कार्यालय आने वाले प्रत्येक कर्मचारी को संरक्षण प्रदान किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो अधिकारी कर्मचारी कार्य पर उपस्थित होना चाहते है उन्हें गेट पर या कार्यालय परिसर में रोका नही जाएगा। सरकारी सम्पत्ति की सुरक्षा के पर्याप्त प्रबन्ध सुनिश्चित किये जायेंगे।उन्होनें बताया कि उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956(यथासंशोधित) तथा उ0प्र0 (सेवा संघो की मान्यता) नियमावली 1979(यथासंशोधित) की व्यवस्था के अनुसार नियम-4(ड) के अनुसार सेवा संघ कोई ऐसा कार्य न करेंगा और न ऐसा कार्य करने में सहायता देगा जिसको यदि किसी सरकारी सेवक द्वारा किया जाये तो उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के किसी उपबन्ध का उल्लंघन हो। नियम-4(ढ) के अनुसार सेवा संघ समान्य और सुचारू रूप से सरकारी कार्य संचालन में बाधा डालने या अवरोध उत्पन्न करने की दृष्टि से अपने सदस्यों को हड़ताल करने या धीरे कार्य करने या कोई अन्य तरीका अपनाने के लिए न प्रेरित करेगा, न उकसायेगा, न भड़कायेगा, न उत्तेजित करेंगा, न सहायता और न सहयोग देगा। नियम-4(ण) के अनुसार सेवा संघ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी ऐसे कार्य में भाग नही लेगा जिससे कि सरकारी सेवक को अपने कार्यालय आने या अपने पदीय कर्तव्य का पालन करने में अभित्रास या अवरोध या रूकावट हो। नियम-8 में यह व्यवस्था दी गयी है कि यदि मान्यता प्राप्त संघ/महासंघ/परिसंघ उक्त वर्णित नियम-4 में उल्लिखित उपरोक्त अपेक्षओं/शर्तो का उल्लंघन करता है तो उसकी मान्यता वापस ली जा सकती है। समस्त कर्मचारियों से अपेक्षा है कि वह उक्त नियमों का पालन करें। उन्होंने समस्त विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि नई पेशन व्यवस्था के अन्तर्गत जिन कर्मचारियों के प्रान नम्बर नही है उनके प्रान फार्म तत्काल भरवा दें। साथ ही नई पेंशन व्यवस्था के अन्तर्गत उनके वेतन से की गई कटौती व शासन द्वारा प्रदत्त धनराशि के बारे में भी उन्हें अवगत करायें। विभागाध्यक्षों से यह अपेक्षा है कि वह अपने-अपने कार्यालयों में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों से निरंतर संवाद बनायें रखें। कार्यालयों में व्यवस्था बनायें रखते हुए सुनिश्चित करें कि जन सामान्य को कोई असुविधा न हो तथा आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति प्रत्येक दशा में बनाए रखा जायें। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक राधेश्याम, मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र कुमार राय, एडीएम वित्त एवं राजस्व साहब लाल, एडीएम प्रशासन पंकज वर्मा, वरिष्ठ कोषाधिकारी केके पाण्डेय, जिला सूचना अधिकारी वीएन पाण्डेय सहित समस्त विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।