सौर ऊर्जा और वर्षा जल संरक्षण को दिया जाए बढ़ावा
प्रौद्योगिकी और गैजेट्स को लोगों और संबंधों पर हावी न होने दें
जामिया हमदर्द के विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समाराह को संबोधित किया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि बालिकाओं की शिक्षा महिला सशक्तिकरण का आधार होनी चाहिए। कल नई दिल्ली में जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए श्री नायडू ने वैश्विक रोजगार बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए छात्रों, विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा के साथ ही उनके कौशल विकास पर भी बल दिया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों, संस्थाओं और सार्वजनिक स्थलों पर सौर ऊर्जा वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉलेजों और स्कूलों जैसे शिक्षण संस्थाओं को छात्रों में पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के साथ जीने का भाव पैदा करना चाहिए।
उन्होंने इस अवसर पर शिक्षा के महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सिर्फ डिग्री प्रदान करने तक सीमित नहीं होना चाहिए क्योंकि शिक्षा सिर्फ रोजगार के लिए नहीं होती बल्कि इसे व्यक्ति को सशक्त बनाने का माध्यम भी होना चाहिए ताकि वह आर्थिक उत्थान में मदद कर सके।
उपराष्ट्रपति ने हमदर्द के कार्यक्रमों में करीब 50 प्रतिशत छात्राओं को शामिल करने के जामिया हमदर्द प्रबंधन के प्रयासों कर सराहना की और कहा कि समाज के सभी वर्गों की बालिकाओं को शिक्षित करना राष्ट्र के समग्र विकास का प्रमुख कारक है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण और कुछ नहीं है। यह मृत्यु दर में गिरावट से लेकर आर्थिक विकास तथा लोकतंत्र और न्याय जैसे विकास के संकेतकों का निश्चित और स्थायी माध्यम है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण में प्रगति की प्रचुर संभावनाएं छिपी हुई हैं। बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ और सुकन्या समृद्धि योजना जैसे कार्यक्रम गेम चेंजर साबित हुए हैं। इन कार्यक्रमों ने लोगों को बालिकाओं की शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रेरित किया है।