योग का धर्म से कोई लेना देना नहीं
योग भारत को दुनिया को दिया गया एक उपहार
’योग एंड माइंडफुलनैस’ पुस्तक का विमोचन किया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। उप.राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने युवाओं को सलाह दी है कि वे सुस्त जीवन शैली, जंक फूड को छोड़ें और स्वस्थ रहें। उप राष्ट्रपति ने लोगों का आह्वान किया कि वे योग को अपने रोजमर्रा के जीवन का अभिन्न अंग बनाएं ताकि जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों से निपटा जा सके। उप राष्ट्रपति ’योग एंड माइंडफुलनैस’ पुस्तक का विमोचन करने के बाद एकत्र जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस पुस्तक को जानी.मानी योगाचार्य मानसी गुलाटी ने लिखा है।
उप राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि योग से गहरे अवसाद, जीवन शैली के जुड़े रोगों से निपटने में मदद मिलती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है। योग का अभ्यास करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, फेफड़े अच्छे तरीके से काम करते हैं, पाचन क्रिया और संचार बेहतर होता है। इससे रोगों से लड़ने की क्षमता में सुधार होता है और तनाव से मुक्ति मिलती है।
उप राष्ट्रपति ने लोगों का आह्वान किया कि वे रोगों से बचने के लिए योग का अभ्यास करें। उन्होने कैंसर के बढ़ते मामलों और मोटापा जैसी जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की। उन्होने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देना चाहिए और सुस्त जीवन शैली, जंक फूड खाना छोड़ना चाहिए तथा नुकसानदायक शराब और तंबाकू के सेवन से बचना चाहिए।
यह कहते हुए कि योग दुनिया को भारत का उपहार है, उप राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयास के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने पर सभी को गर्व होना चाहिए।
इस बात पर जोर देते हुए कि योग का धर्म से कोई लेना.देना नहीं है। उप राष्ट्रपति ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कुछ धर्मांध मानसिकता वाले लोग इसे धर्म का रंग देने का प्रयास कर रहे हैं।