हाथरस, नीरज चक्रपाणि। 2005 से उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा सरकारी सेवा में आये शिक्षकों की प्रचलित पुरानी पेंशन व्यवस्था के स्थान पर शेयर मार्केट आधारित बहुत ही जोखिमपूर्ण नवीन परिभाषित अंशदायी पेंशन व्यवस्था को लागू कर दिया गया था। पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 7 लाख शिक्षक सहित उनके लगभग 40 लाख परिजन इस अलाभकारी एवं अहितकर व्यवस्था से सीधे सीधे प्रभावित हो रहे हैं।
उक्त समस्या को लेकर पूरे प्रदेश के शिक्षक यूनाईटेड टीचर्स ऐसोशियेशन के बैनर तले पूरे जनपद के पेंशन विहीनों शिक्षकों ने अपने संगठन के प्रन्तीय आव्हान पर पुरानी कलैक्ट्रेट पर एकत्रित होकर शान्तिपूर्ण तरीके से नीति नियन्ताओं की बुद्धि पर पड़े पत्थरों को हटाने व उनकी बुद्धि शुद्धि हेतु एक बृहद हवन पूजन किया। साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि यदि अब भी पुरानी पेंशन बहाल नहीं कि जाती है तो 26 नवम्बर को 60 लाख पेंशन विहीनों के साथ दिल्ली पहुँच कर संसद का घेराव करने को मजबूर होंगे।
इस अवसर पर यूटा जिलाध्यक्ष विक्रान्त सेंगर, पू.मा.शि.सं. जिलाध्यक्ष राजवीर सिंह, अटेवा जिला संयोजक अतुल वर्मा, अटेवा महामंत्री उमेश सारस्वत, सुनील शर्मा, रविकान्त मिश्रा, जितेन्द्र कोशल, क्रम सिंह, सोमेन्द्र शर्मा, बृजमोहन बघेल, हरीसिंह, विष्णु राजपूत, तरुण शर्मा, अजय शर्मा, धर्मेन्द्र सारस्वत, हरिओम, सत्यवीर सिंह, राकेश कुमार, सतेन्द्र, जितेन्द्र, अमित शर्मा, राजेश सिंह, दया चन्द, सफदरअल्वी, सोहन सिंह, राकेश रावत, दिनेश गुप्ता, विजय वीर सिंह आदि उपस्थित थे।