हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सावन कृपाल रूहानी मिशन की शाखा कृपाल आश्रम गौशाला रोड पर आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन हुआ, जिसमें ऑडियो वीडियो के माध्यम से मिशन के प्रमुख एवं विश्व आध्यात्मिक सतगुरु परम संत राजिंदर सिंह जी महाराज ने संगति का असर नामक शीर्षक पर सत्संग फरमाया और कहा कि हम सब के आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है कि हमारी संगति कैसी है? कहा जाता है कि इंसान अपनी संगति से जाना जाता है। हम जैसी संगति में रहते हैं, हमारे ऊपर वैसा ही असर आने लगता है। वह संगति बुरी भी हो सकती है।
अगर हम सद्गुण विकसित करना चाहते हैं तो हमें ऐसे लोगों के आसपास रहना चाहिए, जिनमें सद्गुण हों। महाराज ने आगे फरमाया कि हमारा जीवन अनमोल है। हम यहां सांसों की एक निर्धारित पूंजी लेकर आए हैं। उसी समय के अंतर्गत हमें अपने जीवन के लक्ष्य को पूरा करना है। हम आध्यात्मिक रूप से विकसित हो सकते हैं और दूसरों के मददगार भी हो सकते हैं। महाराज जी ने कहा कि ऐसे लोगों के साथ समय बिताना जो कि हमारी तवज्जो को हमारे लक्ष्यों से अलग कर देते हैं, जीवन की सांसों की बर्बादी है। हमें फैसला करना होगा कि हम जीवन में क्या चाहते हैं। एक बार यह फैसला कर लेने के बाद हमें उस लक्ष्य की ओर जाने की कोशिश करनी चाहिए। हमें ऐसे व्यक्तियों की संगति करनी चाहिए जो समरुची हों तथा जिनका लक्ष्य वही हो जो हमारा है तो हमें अपने जीवन के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करने में अवश्य ही मदद मिलेगी।
सत्संग केंद्रों राजेंद्र आश्रम ग्राम बीरनगर, सासनी एवं पिछौती, हसायन पर भी सत्संग में कई सत्संगकर्ताओं द्वारा पिछली सदी के महापुरुषों की अमृत वाणी के द्वारा सतसंग फरमाया। कृपाल आश्रम पर बाल सत्संग, निःशुल्क होम्योपैथी चिकित्सा केंद्र व अटूट लंगर का भी आयोजन किया गया।