Monday, November 25, 2024
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शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं मिलने से आक्रोश

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। आदर्श समायोजित शिक्षक (शिक्षामित्र) वेलफेयर एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष ब्रजेश वशिष्ठ ने जिलाधिकारी से मांग की है कि शिक्षक-शिक्षामित्र हित में उ. प्र. शासन से निर्गत शासनादेशों की बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों द्वारा कोई रूचि न लेने के कारण उनके अधिकांशतः अधीनस्थ कर्मचारी पूर्ण रूप से निरंकुश हो गये हैं, महत्वपूर्ण व समयबद्ध आदेशों का भी अनुपालन भ्रष्टाचार के चलते कई महीनों से नहीं हो पा रहा है। जिससे शिक्षकों, शिक्षामित्रों में विभाग के खिलाफ तीव्र आक्रोश पनप रहा है। जो कभी भी आन्दोलन के रूप में बाहर उग्र रूप में आ सकता है। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की होगी।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में सप्तम वेतन अवशेष 1 जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर 2016 की प्रथम किश्त के रूप में 50 प्रतिशत धनराशि के भुगतान हेतु 10 सितम्बर 18 को धन शासन द्वारा आवंटित किया जा चुका है। जिसके फलस्वरूप 13 सितम्बर व 24 अक्टूबर को वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) द्वारा समस्त खंड शिक्षा अधिकारी, नगर शिक्षा अधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी अपने स्तर से अपने अधीनस्थों को निर्देशित करने के आशय से शासन की मंशानुसार शीघ्र भुगतान हेतु एक सप्ताह में बिल तैयार कर प्रेषित कराने हेतु पत्र जारी किये जा चुके हैं, किन्तु हसायन ब्लाक को छोड़कर किसी भी ब्लाक ने अभी तक बिल बनाकर नहीं भेजे हैं।
इसी प्रकार बेसिक योजना के शिक्षामित्रों को ग्रांट होने के बावजूद भी हसायन व मुरसान ब्लाक को छोड़कर बिल तैयार करके न भेजे जाने के कारण तीन माह से उन्हें मानदेय भी नहीं मिला है। जबकि इस बीच दीपावली जैसा हिन्दूओं का बड़ा त्यौहार भी पड़ा था। इससे शासन की छवि खराब हो रही है।