मीडिया सेंन्टर में बोले वितमंत्री, आपातकाल में मीडिया पर प्रतिबन्ध किया गया लेंकिन अब यह आसान नहीं
बहुआयामी मीडिया के दौर में आपात काल आज संभव नहीं लेकिन मीडिया के सामने विश्वसनीयता की बड़ी चुनौती दिखती
नई दिल्ली, पंकज कुमार सिंह। डिजिटल तकनीक आने से मीडिया, खासकर सोशल मीडिया (फेसाबुक, ट्वीटर, व्हाट्सअप आदि) का फैलाव हुआ है। इसके फायदे हैं, तो नुकसान भी बहुत हैं। लेकिन सोशल मीडिया के कारण मीडिया के सामने विश्वसनीयता की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। यह बात राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कही। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66-ए को हटाया तो सभी ने उसका स्वागत किया, लेकिन अब जबकि सोशल मीडिया ने जजों के खिलाफ टिप्पणी करनी शुरू तो कोर्ट को प्रतीत होता है कि सोशल मीडिया के लिए भी आचार संहिता होनी चाहिए। रासीना रोड स्थित मीडिया सेन्टर में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद व प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो के संयुक्त कार्यक्रम में ‘‘डिजिटल युग में मीडिया के सामने के आचार नीति और चुनौतियां’ विषय पर अपने सम्बोधन में केन्द्रीय मंत्री जेटली ने इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि सोशल मीडिया के प्रभावी होने के कारण आज देश में आपातकाल लगाना संभव नहीं है। 1975 में देश पर थोपा आपात काल आज संभव नहीं है। उस वक्त मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया गया था लेकिन आज के तकनीकी युग में मीडिया के बहुआयामी होने के कारण आपातकाल लगाना आसान नहीं है। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद ने अपने सम्बोधन में पत्रकारों के सामने आ रही चुनौतियों को सामने रखा। इस दौरान दो पत्रिकाओं का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में ग्रामीण पत्रकारिता का पुरस्कार संयुक्त रूप से भोपाल की रूबी सरकार और राजेश परशुराम को प्रदान किया गया, विकासात्मक रिपोर्टिग का पुरस्कार वीएस राजेश को प्रदान किया गया है।ए राम को पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2018 का राजा राममोहन राय पुरस्कार से सम्मानित किया। सुभाष पॉल के लिए सर्वश्रेष्ठ फोटोग्राफर का पुरस्कार दिया गया। मिहिर सिंह को फोटो फीचर और पी नरसिम्हा को सर्वश्रेष्ठ समाचार पत्र कला ( कार्टून ,कैरिकेचर) के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सभी का पुरस्कार के रूप में स्मृति चिन्ह व धनराशि चैक प्रदान किया गया।पीसीआई अध्यक्ष के आवास पर रात्रिभोजभारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद ने पीसीआई के सदस्यों सहित वरिष्ठ पत्रकारों-मीडिया सहयोगियों और विदेशी मेहमानों के साथ रात्रिभोज का आयोजन किया। इस दौरान पीसीआई अध्यक्ष ने अपने आवास पर सभी का स्वागत किया और शहनाई की धुन के बीच लजीज व्यंजनों के साथ रात्रिभोज का आनन्द लिया।