रसूलाबाद/कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। सरदारपुर गांव में जैसे ही अखिलेश यादव के आने का प्रोटोकाल आया वैसे ही पार्टी से खिन्न चल रहे नेता ने खजांची नाथ को उसके ननिहाल से सरदारपुर न पहुंचने देने के लिए चाले चल दी जिसके कारण खजांची नाथ सरदारपुर नहीं पहुंच सका। इस असहज स्थिति में अखिलेश यादव ने मंच से उतरने के बाद सपा के दो तिकड़म बाज नेताओं को खरी खोटी सुनाई। सरदारपुर में समाजवादी पार्टी के नेताओं की गुटबाजी के चलते खजांची सरदारपुर गांव नहीं पहुंच पाया। क्योंकि कुछ लोग उसके ननिहाल के गांव अनंत धौकल में उसका जन्मदिन मनवाना चाह रहे थे। जबकि प्रोटोकॉल में सरदारपुर का जिक्र था। कड़ी मशक्कत के बाद समय निकालकर इतनी दूर से आए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनके दिल के करीब खजांची से मिले बगैर ही जाना पड़ा है। जिसका कारण स्वयं समाजवादी पार्टी के कुछ नेता रहे। जैसे तैसे खजांची का जन्मदिन मनाकर सरदारपुर से वापस लौटे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सिद्ध आश्रम नार खास स्थित नारदा आश्रम पहुंचे। वहां श्री श्री 1008 ब्रह्मचारी विष्णु स्वरूप जी महाराज से आशीर्वाद लेने के बाद अखिलेश यादव रसूलाबाद होते हुए वापस लखनऊ पहुंचे। वहीं इस दौरान उन्होंने अकील अहमद पट्टा के आवास के निकट गाड़ी पर ही ब्लॉक प्रमुख कुलदीप सिंह यादव व वरिष्ठ सपा नेता अकील अहमद पट्टा से मुलाकात की। गाड़ी पर ही अकील अहमद पट्टा ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को फूलमाला पहनाया। वही रसूलाबाद चैराहा पर स्वागत में खड़े युवाओं को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। अखिलेश यादव का काफिला चैराहा व तिराहा पर नहीं रुका जो कि चर्चा का विषय बना रहा।
अखिलेश यादव ने नोटबंदी के दौरान जन्मे खंचाजी के लिए अपने ट्वीट में लिखा- हर बच्चा देश के भविष्य का आइना होता है, आइए देश की इस तस्वीर को हम सब मिलकर संवारें। नोटबंदी की लाइन में जन्मे खजांची के दूसरे जन्मदिन पर बधाई व प्यार. उसको घर देकर हम उसके भविष्य को मुश्किलों से बचने का साया दे रहे हैं ताकि नोटबंदी से कम-से-कम किसी एक चेहरे पर तो मुस्कान आए।