कानपुर नगर, सरोज शुक्ल। रामादेवी चौराहा के निकट स्थित कांशीराम संयुक्त चिकित्सा एवं ट्रामा सेंटर जिसे हैलट व उर्सला का छोटा रूप माना जाता है। वह स्वास्थ्य सेवाओं से कोसों दूर है। ग्रामीण इलाकों के सैकड़ो मरीज इस अस्पताल में आते हैं। सर्दी, जुकाम, बुखार, पेट दर्द आदि के मरीजों राम कुमार, शिवराम, जगमोहन, रामरानी, रजनी आदि लोगों ने बताया कि अस्पताल केवल नाम का सरकारी है। जबकि दवाएँ बिल्कुल नहीं हैं। हद तो तब हो गयी, जब बुखार मापक थरमामीटर तक ओपीडी व इमरजेंसी में उपलब्ध नहीं है। दूर दराज से आने वाले मरीज निराश होकर निजी नर्सिंग होमो में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं।
ट्रामा सेंटर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर एस. के. पांडेय ने पूँछने पर बताया कि बुखार नापने की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग से ही थरमामीटर उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं। सामान्य औषधियों की उपलब्धता हेतु शासन से मांग की गई है। जल्द ही आपूर्ति सुनिश्चित करा दी जाएगी।
प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी स्वास्थ्य सेवाओं की किस प्रकार धज्जियां उड़ाई जा रही है यह उसकी एक बानगी भर है। जमीनी धरातल पर आम जनता सरकारी योजनाओं से कोसों दूर नजर आती है।