Monday, November 25, 2024
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राज्य पोषण मिशन कार्यक्रम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्यक्रम: डीएम

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। राज्य पोषण मिशन के जिलास्तरीय कन्वर्जेन्स विभागों की कार्यशाला का जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने विकास भवन के सभाकक्ष में दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनपद से कुपोषण को दूर भागाये तथा जो बच्चे कुपोषित हो उनको पोषित की श्रेणी में लाने का कार्य युद्धस्तर पर पूरा करें। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में बच्चे लाल संख्या वाले अति कुपोषित बच्चों की संख्या अभी भी अधिक है उस क्षेत्र की सभी सीडीपीओ व आंगनबाडी केन्द्र ध्यान देकर हरे रंग में पोषित करें। जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, आईसीडीएस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, एनआरएलएम विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग आदि विभागों के कार्यालयध्यक्षों को निर्देश दिये कि शासन द्वारा जो निर्देश दिये गये है उन्हें गंभीरता के साथ पालन करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी लापरवाही क्षम्य नही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि कुपोषण की रोकथाम हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन शासकीय विभागों द्वारा विभागों के स्तर पर ही किया जाता है। कुपोषण की रोकथाम विभिन्न विभागों के सहयोग से संभव है जिसका निराकरण मल्टी सेक्टोरल एप्रोच को अपनाकर ही समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण कार्यक्रमो मे जनपदस्तरीय अधिकारियो के साथ ही एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी, ग्रामप्रधान आदि की भी महत्वपूर्ण भूमिका एवं दायित्व है। राज्य पोषण मिशन कार्यक्रम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्यक्रम है। इस पर विशेष ध्यान देना है। उन्होने कहा कि राज्य पोषण मिशन पर आशाओ की भूमिका के दौरान वे परिवार कल्याण कार्यक्रम एवं गर्भवती स्त्रियो के परीक्षण मे सहयोग करेगी तथा लाल अति कुपोषित तथा पीला कुपोषित बच्चों को चिन्हित भी करना है। जिलाधिकारी ने कहा कि आयरन फोलिक एसिड की गोलियो का सम्पूर्ण, जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत संस्थागत प्रसव एवं धनराशि का वितरण किया जाए। इसके अलावा जो भी पोषण मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए धनराशि मिली है उसका पूरा सदुपयोग पोषर्ण िमशन कार्यक्रम मे ही हो। उन्होंने कहा कि इस योजना में कोई भी क्षेत्र, गांव, पुरवा, आबादी छूटना नही चाहिए। उन्होंने कहा कि कम बजन के बच्चो का चिन्हीकरण तथा उनके स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी रखी जाने हेतु सभी संबंधित विभाग अपने अपने दायित्वों का निर्वाहन भली भांति करें। उन्होंने आईसीडीएस विभाग को निर्देश दिये कि सभी अंागनबाडी केन्द्रों तक प्रति माह अनुपूरक पोषाहार का वितरण सुनिश्ति करें, 0 से 03 वर्ष के बच्चों का वजन प्रति माह 03 से 05 वर्ष के बच्चों का त्रैमासिक वनज आंगनबाडी केन्द्रों पर किया जाये तथा सूचना संकलित कर कुपोषित, अतिकोषित बच्चों की साफ्टवेयर में फीडिंग भी की जाये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दें सभी चिकित्सा इकाई में लेबर रूम के अन्दर नवजात शिशु का वजन ले तथा जन्म के एक घंटे के अन्दर स्तनपान सुनिश्चित कराये।
कार्यशाला में पीडी एसके पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश यादव, बीएसए संगीता सिंह, जिला दिव्यांगजन एवं सशक्तीकरण अधिकारी गिरिजा शंकर सरोज, डीआईओएस जिला समन्वयक सत्यनारायण कटियार, सीडीपीओ अकबरपुर राजकुमारी द्विवेदी, डिप्टी सीएमएस डा0 महेन्द्र जतारया, सहित जिलास्तरीय अधिकारी आदि मौजूद रहे।