नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्द्रीय वस्त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने आज नई दिल्ली में नवीकृत हैंडलूम हाट का उद्घाटन किया। उन्होंने एनआईएफटी की तीन परियोजनाओं- रूझान के पूर्वानुमान संबंधी पहल-विजन एनएक्सटी, भारतीय वस्त्र एवं शिल्प संग्रह तथा डिजाइन इनोवेशन और इन्क्यूबेशन का भी शुभारंभ किया। नई दिल्ली में जनपथ स्थित इस हाट की स्थापना वस्त्र मंत्रालय द्वारा विभिन्न राज्यों,सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा सहकारी समितियों के विश्वसनीय हथकरघा उत्पादों के लिए विपणन के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य हथकरघा एजेंसियों के हथकरघा उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए उनको बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना तथा देश भर में उत्पादित होने वाले उत्कृष्ट हथकरघा उत्पादों की किस्मों को प्रदर्शित करना है। इस अवसर पर वस्त्र मंत्री ने एक बुकलेट- वर्ल्ड हैंडमेड टैक्सटाइल बाइनियल्स का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने कहा कि यह इतिहास को पुन:सृजित करने तथा कला के इतिहास को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि एनआईएफटी कृत्रिम असूचना के माध्यम से अपने कार्य को पूर्ण करेगा। उन्होंने कहा कि आभासी संग्रहालय न केवल उद्योग और शोधकर्ताओं की सहायता करेगा, बल्कि ज्ञान को अगली पीढ़ी तक भी ले जाएगा। इस अवसर पर वस्त्र राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी अपने विचार प्रकट किए।
रूझान के पूर्वानुमान संबंधी पहल-विजन एनएक्सटी की प्रयोगशाला एनआईएफटी द्वारा इमारत में स्थापित की जा रही है। यह प्रयोगशाला स्वदेशी फैशन से संबंधित पूर्वानुमान सेवा का सृजन करेगी, जो हमारे देश के लिए मौसम संबंधी निर्देशों के अनुसार डिजाइन करने का प्रयास करेगी। रूझान पूर्वानुमान सेवा हमारे राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय सामाजिक-सांस्कृतिक संरचना और बाजार की जरूरतों के मुताबिक व्यवस्थित की जाएगी। प्रस्तावित सेवा इस सिद्धांत पर आधारित होगी कि फैशन एक गतिशील उद्योग है, जो मौसम संबंधी रूझानों पर निर्भर करता है और उसकी भावी दिशा के बारे में पूर्वानुमान व्यक्त करता है। इससे हथकरघा क्षेत्र को रूझानों, डिजाइन और रंगों के पूर्वानुमान के संदर्भ में बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप हथकरघा उत्पादों का निर्माण करने में सहायता मिलेगी।
भारतीय वस्त्र और शिल्प संग्रह संबंधी पहल एनआईएफटी की परियोजना है, जिसे डीसी हैंडलूम्स और डीसी हैंडीक्राफ्टस, वस्त्र मंत्रालय की सहायता प्राप्त है। क्राफ्ट क्लस्टर इनिशिएटीव के माध्यम से जुटाई गई वस्त्र और शिल्प संबंधी जानकारी को इंडियन टैक्सटाइल एंड क्राफ्ट रिपोजिटरी शीर्षक वाले राष्ट्रीय ज्ञान पोर्टल तक पहुंचाया जाएगा। इस संग्रह में वस्त्रों और शिल्पों के संसाधनों के आभासी रजिस्टर भी होंगे, जो बुनकर सेवा केन्द्रों, शिल्प संग्रहालयों, समान तरह की संस्थाओं तथा निजी संग्रहों में उपलब्ध होंगे। यह संग्रह वस्त्रों और वस्त्र शिल्पों, डिजाइनर आर्काइव, स्वदेशी केस स्टडीज का आभासी संग्रहालय विकसित करेगा और अनुसंधान से संबंधित ऑनलाइन जानकारी के संग्रहकर्ता के रूप में भी कार्य करेगा। आभासी संग्रहालय में संग्रहालयों, संसाधन केन्द्रों, बुनकर सेवा केन्द्रों से प्राप्त की गई पारम्परिक पुरातात्विक वस्तुओं के डिजिटीकृत संसाधन होंगे। इसमें समकालीन वस्तुओं और डिजाइनरों, फैशन आर्काइव्स से संग्रह की गई वस्तुओं को प्रस्तुत किया जाएगा। यह डिजाइनों की सुगम सोर्सिंग में मदद करेगा।
डिजाइन इनोवेशन और इन्क्यूबेशन (डीआईआई) का उद्देश्य युवा उद्यमियों, कलाकारों, स्टार्ट-अप्स, एनआईएफटी के पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों की सहायता करना है। डीआईआई कारोबारी विकास के लिए आवश्यक सहयोग को भी सुगम बनाएगा। इसके लक्षित लाभार्थियों में उद्यम लगाने के इच्छुक एनआईएफटी के पूर्व छात्र और वर्तमान छात्र साथ ही साथ ऐसे उम्मीदवार भी होंगे, जो एनआईएफटी का अंग नहीं हैं, लेकिन एनआईएफटी इन्क्यूबेशन की सहायता लेना चाहते हैं।
एनआईएफटी के मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलुरु परिसरों में निम्नलिखित क्षेत्रों में इन्क्यूबेशन सुविधाओं (क्षेत्रीय इन्क्यूबेटर) की स्थापना करने का फैसला किया गया है:
1. टैक्सटाइल फॉर अपैरल, होम एंड स्पेसिज (दिल्ली)
2. स्मार्ट वीयरएबल सिस्टम्स (बैंगलुरु)
3. फैशनल एंड लाइफ स्टाइल एक्सेसिरीज (बैंगलुरु)
4. अपैरल इन्क्लुडिंग एथलीश़र एंड एक्टिवीयर (मुंबई)
उद्योग, परामर्शदाताओं, सलाहकारों तथा एनआईएफटी के अनुभवी अध्यापकों की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए तीन स्थानों का प्रस्ताव किया गया है।