कुल शरीफ में की दुआ, पढ़ी फातेह, किया शिरजा
सासनी/हाथरस, जन सामना ब्यूरो। कस्बा के नानऊ रोड स्थित आशानगर में मौजूद हजरत ख्वाजा सूफी हाफिज अलाउद्दीन हसन शाह बिलाली की दरगाह पर चल रहे 23 वां सालाना उर्स में 2 तारीख बरोज मंगलवार को महफिले शमां के बाद कुलशरीफ मनाया गया। जिसमें दूर-दूर से आए जायरीनों ने बाबा की मजार पर तबर्रूक पेश कर चादरें चढाईं।
जुमेरात के दिन कुलशरीफ के दौरान मिनराजिब सज्जादा गद्दी नशीन सूफी डा0 इरशाद हसन बिलाली ने मुरीदों के साथ मुल्क और कौम के लिए दुआ की, साथ ही शिजरा किया गया। जिससे मुल्क में अल्लाह की रहमत बरसती रहे और किसी भी तरह की परेशानी पैदा न हो। इस दौरान रात को कब्बालियों का प्रोग्राम किया गया। जिसमें शकीलभाई ढोल पार्टी ने सुनाया कि सलामी देने वाली फौज जाती थी, अनावे आमना सुनती थी ये आवाज आती थी। कब्बाल सलमान हसन घासीपुर ने अपने कलाम से बाबा की शान कुछ इस प्रकार बढाई कि जहां-जहां ये उजाला दिखाई देता हैं, मेरे रसूल का जलवा दिखाई देता है। कब्बाल जुनैद हसन बिलाली अमरोहा ने अपनी कब्बाली में सुनाया कि उसका ये करम मुझ पे कोई कम तो नहीं है, गम देके वो पूछे है कि कोई गम तो नहीं है। कब्बाल विनोद कुमार सहपऊ और अल्ला महर ने सुनाया कि ये आरजू है कि वहीं जाके दम निकले, जहां से वो हजरा दिखाई देता है। इसी प्रकार अन्य शहरों से आए कब्बालों ने भी बाबा की शान में कब्बालियां पेश कीं। इस दौरान मिनाजिब सज्जादा गद्दी नशीन सूफी डा. इरशाद हसन शाह बिलाली, दिलशाद हसन शाह बिलाली, कमरूद्दीन, सुशील, इरशाद अली, दिलशाद, रिंकू, नूर मोहम्मद, निजाम, कल्लू हसन, रशीद खां, बबलू, जाहिद अली फौजी, शमशाद, बुंदेशाह, ताज टेलर, बहादुर, असलम, सपेरा, रोहदा, असफाक, इश्त्याक, निजाम, आदि के साथ एसएचओ शैलेन्द्र सिंह क्राईम इंचार्ज कमलेश बाबू कस्बा इंचार्ज शांतिशरण यादव अपने दल-बल के साथ सुरक्षा की कमान संभाले हुए थे।