हाथरस, नीरज चक्रपाणि। 25 अप्रैल विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इस बार मलेरिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गोष्ठी का आयोजन भी कराया जा रहा है।
मलेरिया कई बार काफी घातक सिद्ध होता है, इसके कारण लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ जाती है। इसकी रोकथाम के लिए हाथरस का स्वास्थ्य विभाग पूरे जोर-शोर से लगा हुआ है। सहायक मलेरिया अधिकारी एसपी गौतम ने बताया कि मलेरिया दिवस के दिन गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस गोष्ठी के माध्यम से मलेरिया से बचाव के तरीके बताए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सभी लोगों को इससे बचने के लिए घरों के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। घरों के आसपास पानी जमा नहीं होना देना चाहिए। जिला मलेरिया अधिकारी मुकेश जौहरी ने बताया कि मलेरिया को लेकर समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। मच्छरों से अधिक प्रभावित वाले इलाकों में डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है।
मलेरिया के लक्षण-मच्छर काटने के कम से कम 7-8 दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। ये लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि आप इसे फ्लू समझ लेते हैं लेकिन इस तरह के लक्षण दिखने पर आपको तुरंत चेकअप करवाना चाहिए। ज्यादा तेज सिरदर्द, उल्टी व दस्त, ठंड लगना, नाक से खून निकलना, हाथ-पैर में कपकपी, बार-बार प्यास लगना, कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द, एक समय पर बुखार का आना और उतरना।
मलेरिया से ऐसे कर सकते हैं बचाव-मच्छर गंदगी और कई दिनों तक जमा पानी में ही पनपते हैं। इसलिए घर के आस-पास सफाई रखें। घर में पीने के पानी को खुला न छोड़ें। उसे हमेशा किसी चीज से ढककर रखें। खाने वाली चीजों को भी हमेशा ठक कर रखें।