नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने आज चक्रवाती तूफान ‘फानी’ से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया। संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
बैठक के दौरान सभी राज्य सरकारों के अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों का ब्यौरा दिया। राज्य सरकार ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वे समुद्र से दूर रहें। अधिकारियों ने बताया कि 14 जून तक समुद्र में मछली पकड़ने पर मौसमी प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि इस मौसम में मछलियां अंडे देती हैं। राज्य सरकारों से कहा गया कि वे प्रतिबंध को कारगर तरीके से लागू करें।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को आश्वस्त किया कि उनके आग्रह के अनुसार एसडीआरएफ की पहली किस्त अग्रिम रूप में जारी कर दी जाएगी।
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान ‘फानी’ इस समय चेन्नई के दक्षिण-पूर्व में 880 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आशंका है कि 30 अप्रैल, 2019 तक इसमें तेजी आएगी और तूफान भीषण रूप ले सकता है। तूफान 1 मई, 2019 तक उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ेगा और उसके बाद धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व की तरफ घूम जाएगा। सरकार पूर्वीतट के राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव की कड़ी निगरानी कर रही है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और तट रक्षक को हाई अलर्ट पर रख दिया गया है। दोनों राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और तट रक्षक ने अपनी तैनाती दुरुस्त कर ली है। मछुआरों को 25 अप्रैल, 2019 से लगातार चेतावनी जारी की जा रही है कि वे समुद्र से दूर रहें और जो लोग समुद्र में हैं, वे वापस आ जाएं। मौसम विभाग हर 3 घंटे पर संबंधित राज्यों को मौसम संबंधी जानकारियां प्रदान कर रहा है। गृह मंत्रालय संबंधित राज्य सरकारों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति प्रधानमंत्री के निर्देशों का पालन कर रही है, जो हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। समिति हालात का जायजा लेने के लिए कल फिर बैठक करेगी।
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