Tuesday, November 26, 2024
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पशुओं को गर्म हवायें व लू से बचायें- डा.सिंह

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. वी.पी. सिंह ने बताया है कि गर्म हवाएं/लू का प्रकोप को दृृष्टिगत रखते हुए उचित प्रवन्धन के द्वारा पशुओं को लू से बचाना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि गर्म हवाएं/लू के कुप्रभाव से पशु का उत्पादन गिर जाता है। साथ ही उचित देखरेख एवं प्रवन्धन न होने से पशु की बीमारी से प्रभावित होने से मृत्यु भी हो सकती है। पशु पालन जीविका का साधन है। अतः जनपद के समस्त पशुपालकों को गर्म हवाएं/लू के कुप्रभाव से निपटने हेतु पूर्व तैयारी करने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि पशुओं को सीधे धूप वाले स्थान में न रखें साथ ही चरायी हेतु प्रातः एवं सायं काल ही भेंजे। पशुओं को ऊपर से ढके हुए छप्पर या टीन शेड वाले स्थानों में रखें तथा रोशनदार, दरवाजों एवं खिडकियों को टाट/वोरे से ढक दें जिससे सीधी हवा का झाेंका पशुओं तक न पहुॅच सके। टाट/बोरे पर पानी का छिडकाव करते हैं, पशुओं को छाया में बाॅधें और पर्याप्त मात्रा में पानी/तरल पदार्थ पिलायें। पशुओं को कन्संटेªट संतुलित आहार दें साथ ही खली, दाना, चोकर की मात्रा बढा दें। चारे में नमक एवं गुड का प्रयोग करें इसके अलावा धूप में ज्यादा देर तक रखा गरम पानी पशुओं को न पिलायें, पशुओं के लिये स्वच्छता जापानी हैन्डपम्प या कुओं से ही पानी पिलायें। गर्म हवाएं/लू मौसम में पोखरों का पानी कदापि न पिलायें साथ ही पशु बाडे मे गोबर एवं मूत्र निकास की उचित व्यवस्था करें। उन्होने बताया कि विशेष तौर पर प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच सूर्य के ताप से बचाने के लिये खुले स्थान पर धूप में खडा न करें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमानको रेडियो/टीवी पर सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें। गर्म हवाएं/लू से प्रभावित पशु के शरीर में बुखार के लक्षण होते हैं तत्काल निकटवर्ती पशुचिकित्सक को दिखायें। उनसे प्राप्त परामर्श का पूर्ण रूपेण पालन करें, पशुओं को दिन में एकबार अवश्य नहलायें, सक्षम पशुपालक पशुशाला में स्प्रिेक्लर के द्वारा जल का छिडकाव करें एव पंखों का उपयोग करें, तभी समुचित उत्पादन प्राप्त किया जा सकेगा। मुर्गी फार्म में पर्याप्त मात्रा में जल एवं राशन की मात्रा रखें तथा पशु पक्षी लू लगने पर यदि तेज बुखार एवं अन्य लक्षण प्रदर्शित कर रहे हों तो तत्काल जल पिलायें तथा निकटवर्ती पशु चिकित्सक से सम्पर्क करें।