Monday, November 25, 2024
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महात्मा सूरदास जन्म उत्सव पर दृष्टि बाधित दिव्यांगजनों का एवं नेत्र दानियों के परिजनों का सम्मान

कानपुर, जन सामना ब्यूरो। महात्मा सूरदास जन्म उत्सव के अवसर पर सक्षम द्वारा दृष्टि बाधित दिव्यांगजनों का एवं नेत्र दानियों के परिजनों का सम्मान के कार्यक्रम का उद्घाटन के युग कवि सूरदास जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ आरती लालचंदानी, डॉ0 शालिनी मोहन, डॉ0 शरद बाजपाई अनिल कुमार मिश्रा द्वारा किया गया। जय शंकर पांडे ने कहा कि सक्षम द्वारा दिव्यांग जनों के के हित के लिए भारत में कार्य कर रहा है वर्तमान समय में कहानियां अंधत्व मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत दृष्टिबाधित दिव्यांग ता को रोकने के लिए चंदवारा जलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत कानपुर नगर व आसपास के जिलों में नेत्र सुरक्षा 1 नेत्रदान हेतु संगोष्ठी का आयोजन किया गया है जिससे लोगों ने नेत्र सुरक्षा व नेत्रदान हेतु लोगों में जागरूकता आई है इस कारण से आज जनमानस के सहयोग से अप्रैल माह से अभी तक 44 लोगों का नेत्रदान हुआ है जिस कारण से कालिया से दृष्टि बाधित दूर हुई है। डॉ0 शालिनी मोहन नेत्र रोग विशेषज्ञ ने कहा कि वर्तमान समय में मौसम परिवर्तन में हमारे द्वारा सही से नेत्रों की देखभाल ना कर पाने के कारण कॉर्निया खराब हो जाता है इसके लिए यदि मृत व्यक्ति अपना कार्निया दान कर दे तो उसके द्वारा दान कर दिया दूसरे रोगी को प्रत्यारोपित कर उसके नेत्रों में ज्योति लाई जा सकती है सक्षम के प्रयास व समाज में जागरूकता के कारण आज लोगों ने नेत्रदान हेतु जागरूकता आई है राष्ट्र में नेत्रों को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर रखा है जिस कारणों से मृत्यु के उपरांत श्री लंका में शत प्रतिशत नेत्रदान होता है यदि भारत में भी ऐसा हो तो प्रत्येक वर्ष लगभग 1 लाख लोग कार्निया रोग से ग्रसित होते हैं नेत्रदान द्वारा हम इसी रोक सकते हैं। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ0 आरती लालचंदानी ने कहा कि इस अवसर पर मुझे बुलाया है मैं अपने आप को भाग्यशाली मानती हूं नर सेवा ही नारायण सेवा है वास्तविक रूप से यदि मानव समाज की सेवा करते हैं तो सीधे ईश्वर की सेवा है सक्षम द्वारा विभिन्न प्रकोष्ठ ओं के माध्यम से समाज में पुनीत कार्य किया जा रहा है संसार के सुंदर दृश्यों को देखते हैं तो हमें स्वास्थ्य नेत्रों की आवश्यकता होगी इसलिए नेत्रों की सुरक्षा अत्यावश्यक है जिसके लिए हमें सतर्क रहना चाहिए। डॉ0 शरद बाजपेई ने कहा कि इस ईश्वर के द्वारा बनाए गए सुंदर संसार को देखने के लिए स्वास्थ्य नेत्रों की जरूरत है जिसके लिए हम जागरूक होना पड़ेगा नेत्रों को कभी भी गंदे कपड़े से साफ ना करें साफ कपड़े से गर्म पानी से उबालकर से ठंडा होने के बाद आराम से साफ करें आंखें यदि लाल हो या फिर सुबह उठते समय आकर उसकी पाया कि चलाए तो तुरंत डॉ0 से संपर्क करें।
अंध विद्यालय के प्राचार्य इंद्रजीत सिंह ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि यदि लोग स्वस्थ नेत्रों की आवश्यकता को समझ ले तो हर इंसान के जीवन में नई रोशनी पैदा हो सकती है।
इस अवसर पर प्रशांत मिश्रा, डॉ0ओमपाल सिंह, डॉ0 देवेंद्र सिंह, कवि मुकेश श्रीवास्तव, सुशीला पांडे, डॉ0 शिवा, डॉ0 अनुपम जैन, बृजेंश कटिहार रहे।