इटावा, राहुल तिवारी। इटावा का प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त जिला अस्पताल की खुली पोल, लाइट न होने के चलते नहीं चल रहे जनरेटर, मोबाइल की रोशनी में इमरजेंसी में घायलों को लगाये जा रहे टाके, पूरे अस्पताल में छाया अंधेरा, वही इस बारे में सीएमएस का कहना था कि उस वक्त इमरजेंसी में जनरेटर गर्म होने के कारण बंद हो गया था। जबकि हकीकत तो यह है कि सुबह से ही जनरेटर चला ही नहीं जिसके चलते ड्यूटी पर डॉक्टर भी परेशान नजर आये।
https://www.youtube.com/watch?v=UiL6jyT3M_g&feature=youtu.be
सुबह से हो रही बारिश के चलते बिजली विभाग शहर में बिजली की आपूर्ति ठीक तरह से नहीं कर सका सुबह से कई बार बिजली लंबे समय के लिए गायब रही। जिसका सीधा असर जिला अस्पताल में देखने को मिला, लाइट न आने के कारण इमरजेंसी जैसी जगह प्रभावित रही जहां शाम के समय करीब 6 बजे जिला अस्पताल में इकदिल थाने से दो सगे भाई राहुल और सुनील मारपीट के मामले में घायल अवस्था में जिला अस्पताल लाये गये थे लेकिन उस वक्त पूरी इमरजेंसी में अंधेरा पड़ा था। चूंकि सुबह से बारिश हो रही थी इस कारण और अंधेरा छाया हुआ था। लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर इमरजेंसी में वार्ड बॉय की मदद से घायल भाइयों के अपने मोबाइल की रोशनी में अंधेरे में ही टांके लगाने में जुट गये। जब वहां मौजूद डॉक्टर से पूछा गया कि जनरेटर क्यों नहीं चल रहा है तो उनका जवाब गोलमोल रहा, जब इस बात की भनक सीएमएम को लगी तो वह अपना पल्ला झाड़ते हुए बिजली विभाग को कोसते नजर आये और जब यह पूछा गया कि अस्पताल के इमरजेंसी में मोबाइल की रोशनी में इलाज करना पड़ रहा है तो साफ झूठ बोलते नजर आये कि उस वक्त जनरेटर गर्म होने की वजह से बंद हो गया था। क्योंकि जनरेटर सुबह से चल रहा था जबकि हकीकत तो यह है कि जनरेटर अस्पताल का चला ही नहीं, और इमरजेंसी में डॉक्टर भी ड्यूटी के दौरान परेशान नजर आये।