Tuesday, November 26, 2024
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श्रमिकों को टीबी के प्रति जागरूक करने की मुहिम शुरू

भ्रांतियों को दूर कर जागरुकता लाने के लिए एम्प्लाई एलईडी मॉडल पर काम
कानपुर, स्वप्निल तिवारी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सन 2025 तक देश से क्षय रोग यानि टीबी के पूरी तरह से खात्मे के संकल्प को साकार करने में जहां तमाम सरकारी विभाग आगे आए हैं वहीं अब उद्योगपतियों ने भी खुले मन से इस बीमारी को खत्म करने में पूर्ण सहयोग देने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत आज आरएसपीएल के घड़ी डिटर्जेंट फैक्ट्री, चौबेपुर से हुई, जहाँ जिला क्षय रोग अधिकारी, डॉ जीके मिश्रा ने फैक्ट्री में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को क्षय रोग के प्रति जागरूक किया डॉ जीके मिश्रा ने कहा कि टीबी रोग को लोग छिपाने का प्रयास करते हैं, जबकि अन्य संक्रामक रोग की तरह टीबी भी एक संक्रामक रोग है जो मरीजों के खाँसने और थूकने से फैलता है । अगर आपको दो हफ़्ते तक खांसी आ रही है तो इसे नजरअंदाज ना करें और जांच करवायें क्योंकि ये टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इलाज का पूरा कोर्स करने से टीबी की बीमारी आसानी से सही हो सकती है। अक्सर लोग पूरा कोर्स नहीं करते हैं, जिससे टीबी रोग बढ़ता जाता है। उन्होंने कहा की जो लोग भी भी प्राइवेट इलाज करवा रहे हैं और आगे का इलाज करवाने में असक्षम हैं वो हमारे साथ जुड़कर मुफ्त लाभ पा सकते हैं।
उन्होंने कहा की मजदूरों को स्वस्थ रखना किसी भी व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए बहुत ही जरूरी है। उन्होंन कफ़ एटिकेट्स के बारें में भी सभी को जागरूक किया। टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रुपए प्रति माह देने की भी व्यवस्था भी की गयी है। डॉ॰ मिश्रा ने कहा कि एम्प्लाई एलईडी मॉडल (ईएलएम) उद्योगों/ कारख़ानों/ चाय बागानों में काम करने वाले लोगों तक पहुँचने और मौजूदा प्रतिष्ठानों में टीबी के प्रति जागरूकता और देखभाल को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक रणनीति है बीते दिवस कानपुर के नौ उद्योगपतियों ने बाकायदा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करके फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों को टीबी जैसी बीमारी से बचाने के लिए हरसंभव कोशिश करने का आश्वासन दिया है। साथ ही 9 सदस्यों की सहयोग समिति का गठन अपर आयुक्त/ उप श्रमायुक्त की अद्यक्षता में किया गया। इसमें तय हुआ की सभी निर्धारित फैक्ट्रियों के नोड़ल अधिकारी बनाये जायेंगे जो कर्मचारियों को सहयोग करेंगे। साथ ही त्रैमासिक बैठक में कार्यसमीक्षा भी की जाएगी।
उद्यमियों को इस दिशा में कदम आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने और देश को टीबी मुक्त करने के क्षेत्र में हर स्तर पर कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने के लिए रिसोर्स ग्रुप फॉर एजूकेशन एंड एडवोकेसी फॉर कम्यूनिटी हेल्थ (REACH) नामक संस्था आगे आई है। संस्था ने अभी हाल में ही श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन(आईआईए)के साथ कानपुर के प्रमुख उद्यमियों को एक मंच पर लाकर टीबी मरीजों के हित में काम करने को राजी कर लिया है। इसके अलावा पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोग की देखभाल और नियंत्रण को लेकर संवेदीकरण (सेंसिटाइज़) का कार्य भी चल रहा है रीच संस्था की स्टेट को-आर्डीनेटर मुक्ता शर्मा ने कहा कि इस मॉडल के तहत सबसे पहले तो फैक्ट्रियों में ऐसा माहौल तैयार करना है ताकि कोई भी टीबी की जद में आने ही न पाये। उन्होंने बताया की आईआईए संगठन हमेशा उद्योगों एवं मजदूरों के हित में कार्य कर रहा है। 9 जुलाई से लेकर अभी तक आईआईए भवन क्लिनिक से 12 मरीज़ों की पुष्टि हुई है।