-: पूरे शहर में धड़ल्ले से जारी है अवैध ज्वलनशील कैमिकल्स का काला कारोबार
-: रिहायशी इलाकों में लोगों की जान से हो रहा है, खुला खिलवाड़
-: हर गोदाम में हजारों लीटर विस्फोटक रसायनों की खेप कर रही किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार
-: कानपुर दक्षिण में कई ठिकानों पर खुलेआम हो रही थिनर जैसे विस्फोटक कैमिकल की खरीद फरोख्त
-: पनकी में हुए थिनर अग्निकांड को भूल गया कानपुर प्रशासन
कानपुर, सोनू विश्वकर्मा। कानपुर में हर वो व्यापार वैध है जिससे चार पैसे आपको और चार पैसे सम्बंधित विभाग के साहब को बचे। यही हो रहा है कानपुर जिले में आप जहर बेचें या बम सबकुछ करने का मैखिक लाइसेंस विभागों में उपलब्ध है। ऐसा ही एक व्यापार है थिनर का। शायद आप मे से बहुत से लोग थिनर क्या है ये भी नहीं जानते होंगे ? थिनर एक ऐसा ज्वलनशील के कैमिकल है जिसे एक छोटी सी चिंगारी से भी बम का रूप आसानी से दिया जा सकता है और जिसकी मिसाल था पनकी में फरवरी में हुआ भीषण अग्निकांड।
कानपुर में सालों से धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा ये काला कारोबार पहले तो बिना लिखापढ़ी के सालों चलाया गया और बाद में बिना किसी जाँच और जानकारी के कानपुर प्रशासन के जिम्मेदार लोगो द्वारा सिर्फ थिनर कारोबारियों को ट्रेडिंग लाइसेंस दे दिया गया बिना ये जाने की की ट्रेडिंग की किस चीज की जा रही है।
बीते साल जब थिनर के काले कारोबार की हकीकत सामने आई तो कानपुर प्रशासन और आबकारी विभाग जब हरकत में आया और एक बड़े थिनर व्यापारी के बड़े स्टॉक को सील भी कर दिया पर आखिर हुआ वही जिसमे प्रशासनिक अधिकारी माहिर होते हैं। 18 नवंबर को आबकारी विभाग ने थिनर जैसे खतरनाक और विस्फोटक रसायन को बनाने और भंडारण को वैध करने के लिए लाइसेंस देने का विज्ञापन जारी कर पूरी तरह से अवैध कारोबार को वैध करने की प्रक्रिया जारी कर दी। जिसके कुछ ही दिनों बाद पनकी में थिनर अग्निकांड हो गया।
-: अभी भी जारी है रिहायशी इलाकों में थिनर बम के बड़े भंडारण
आज भी हालात ज्यूँ के त्यों हैं कानपुर में जगह जगह थिनर के बड़े स्टॉक हैं, लोग आज भी रिहायशी इलाकों में न सिर्फ थिनर बना रहे हैं बल्कि बड़े पैमाने पर इसका स्टॉक भी रख रहे हैं। अकेले कानपुर दक्षिण ही नहीं ऐसे बहुत से स्टॉक हैं जो खुलेआम रिहायशी इलाकों में धड़ल्ले से चल रहे हैं, जहाँ हर रोज हजारों लीटर ये विस्फोटक लाया और बेचा जाता है। ये मानना गलत होगा कि इतने बड़े पैमाने पर थिनर जैसे ज्वलनशील रसायन की खरीद फरोख्त या व्यापार को जानकारी जिला प्रशासन या आबकारी को नही होगी पर शायद इस काले कारोबार से जितना मुनाफा थिनर के काले कारोबारियों को है शायद उतब ही संबंधित विभागों को भी है इसीलिए खुलेआम लाइसेंस निकाल लोगों को थिनर जैसे बम को स्टॉक करने की खुली छूट दी जा रही है जिसका नतीजा कभी भी पनकी जैसे थिनर अग्निकांड के रूप में सामने आ सकता है।