पति-पत्नी का रिश्ता हर रिश्ते से उपर होता है, संसार रथ को बखूबी चलाने के लिए आपसी समझ और तालमेल बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी के रिश्ते को ताउम्र जवाँ बनाए रखने के लिए प्यार, परवाह, सौहार्द भाव और समय का खाद देना पड़ता है। पति-पत्नी के रिश्ते में सबसे पहली मांग संवाद का सेतु है, अपनों के दिल तक पहुँचने का सीधा रास्ता है हर मुद्दे पर चर्चा और साथ में थोड़ा रोमांटिक संवाद रिश्ते में उर्जा बनाए रखता है। मौन रिश्ते जल्दी दम तोड़ जाते है। तो दिन भर चाहे कितने भी व्यस्त रहें चंद पल चुराकर पति पत्नी एक दूसरे से बतिया लीजिए रिश्तों में नमी बनी रहेगी।
पति-पत्नी के रिश्ते में हल्की भी दरार ना पड़ने दें सिलन पनपते देर नहीं लगती। इस रिश्ते को संजोने की शुरुआत सुबह से ही करें। सुबह-सुबह बाल्कनी में बैठ हल्के चुटकुले संग चाय के टेबल पर आधा धंटा साथ-साथ बिताते जीवन सफ़र की चर्चा कर लो। खाने के टेबल पर प्यार से एक दूसरे को रोज एक कौर खिलाओ। पत्नी जब किसी प्रसंग पर सज-धज कर तैयार हो तब हल्की सी छुअन रोमांस और छेड़छाड़ जीवन में मधुरता भर देगी।
छुट्टीयों के दिन दोपहर को सोफ़े पर हाथ में हाथ लिये हल्की फुल्की मूवी देखना, या सुहानी किसी शाम में दरिया के तट पर कदम मिलाकर चलना, कभी एक दूसरे को हल्के हाथों मालिश कर बालों में तेल लगाना, एक दूसरे के काम की, या व्यक्तित्व की तारिफ़ करना, बाथटब में आमने-सामने बैठ प्यार जताते बातें करना, या बिना कोई खास दिन के तोहफ़ा या सरप्राइझ देने जैसी प्रवृत्तियां ताउम्र पति पत्नी को प्रेम भरे बंधन में बाँधकर रखती है।
और याद रखें कभी किसी बात पर बहस या अनबन हो भी जाती है तो नाराज़गी को ज़्यादा देर मन के भीतर मत रहने दो। याद रखिए दूसरे दिन उसी सूरज के दर्शन संग आँखें खोलनी है और उम्र उसी के प्रेम के शामियाने तले बितानी है। तो झगड़ा या मतभेद का समाधान जितना जल्दी हो उतना अच्छा है।
घर परिवार का वातावरण बच्चों के विकास में भी बहुत मायने रखता है, माँ बाप का व्यवहार और संबंध एक दूसरे के साथ स्नेह सभर होगा तो बच्चे भी खुशहाल रहेंगे जिस घर में पति-पत्नी के बीच आए दिन अनबन होती है उनके बच्चें मानसिक तौर पर अवसाद का भोग बन जाते है।
कभी पति गुस्सा हो तो पत्नी को चुप हो जाना चाहिए, या कभी पत्नी का मूड़ ठीक ना हो तो पति को एक कप कोफ़ी पिला कर पत्नी को संभाल लेना चाहिए। ऐसे ही तालमेल बिठाते जीवन के हर छोटे-छोटे लम्हें प्यार से जी लें तो रोज ही हनीमून है। रिश्तों की मांग पूरी करके देखिए, प्यार कभी कम या ज्यादा नहीं होता प्यार को जताना पड़ता है तभी बढ़ता रहेगा। एक दूसरे को हमारी ज़िंदगी में खास महेत्व महसूस करवा कर तालमेल बिठाकर भरपूर ज़िन्दगी का मज़ा ले सकते है॥
(भावना ठाकर, बेंगुलूरु)