ऊंचाहार/रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। गांवों के गरीबों की जीविका के लिए रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा का ऊंचाहार में बुरा हाल है। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण क्षेत्र के कुल 27 गांवों में यह योजना हांफ रही है। रविवार को ऊंचाहार ब्लॉक मुख्यालय में मनरेगा की समीक्षा करने पहुंचे डीसी मनरेगा जीपी कुशवाहा के सामने हकीकत खुली तो उन्होंने एक-एक को जमकर लताड़ा और चेतावनी दी।रविवार को अवकाश के बावजूद डीसी मनरेगा ऊंचाहार में मनरेगा के कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे थे। इस दौरान सभी गांवों के वीडीओ व अन्य जिम्मेदारों को बुलाया गया था। समीक्षा के दौरान पाया गया कि क्षेत्र के कुल 27 गांव में मनरेगा की रफ्तार काफी धीमी है। लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।कागजों पर खानापूर्ति हो रही है और गांव से सैकड़ों लोग रोजगार के लिए शहरों में पलायन कर चुके है। यही नहीं कई गांवों में तो छ: महीने से मनरेगा के कार्यों का भुगतान तक मजदूरों को नहीं किया गया है। मनरेगा के कार्यों के प्रति इस लापरवाही को लेकर उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी ईशा, महेंद्र कुमार , सूर्य कुमार और मो. अहमद को जमकर फटकारा और चेताया कि यदि सजग नहीं हुए और लापरवाही का यही आलम रहा तो परिणाम भी भुगतने के लिए तैयार रहिए। सबसे खराब दशा होरेसा, सराय तुलाराम, निगोहा, शुकुरुल्लापुर, रामचंद्रपुर, सराय हरदो, सरबहदा, खुर्रमपुर, बेहरा मऊ, राम संडा, सवैया राजे, सवैया धनी और सवैया हसन की थी। इस दौरान खंड विकास अधिकारी व सहायक प्रोग्राम अधिकारी मनरेगा आकांक्षा त्रिपाठी भी मौजूद थी।