कानपुर। एक रिपोर्ट के अनुसार नशे के चलते उत्पन्न डिप्रेशन की वजह से खुदकुशी करने वाले 40 फ़ीसदी पुरुषों 56 फ़ीसदी महिलाओं की उम्र 14 से 24 वर्ष के बीच पाई गई है। इसीलिए भारत दुनिया में युवाओं में सबसे ज्यादा खुदकुशी के मामलों में राजधानी बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के तहत सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में शहीदों के सपनों का भारत बनाने के लिए फतेहपुर जनपद को स्मोक फ्री सिटी बनाने के संकल्प के अंतर्गत विद्या निकेतन इंटर कॉलेज से आयोजित सांकेतिक मोटरसाइकिल मार्च फॉर स्मोक फ्री सिटी के आयोजन अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख व आंदोलन के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कहीं। ज्योति बाबा ने कहा कि देश में बढ़ते आतंकवाद खासतौर से सीमा पर चौकसी कर रहे हमारे जवानों पर हमले के लिए ड्रग्स का अवैध कारोबार मुख्य भूमिका निभा रहा है, क्योंकि हर ड्रग्स का सेवनकर्ता आतंकवाद की गोली बना रहा है। देश में कोरोना की तीसरी लहर अपने नए वेरिएंट ओमीक्रोन के रूप में कहर बनकर फिर तबाही लाने हेतु तैयार हो रही है। जिसका मुकाबला हम नशा मुक्त रहकर भारतीय खानपान द्वारा इम्यूनो पावर बढ़ाते हुए मेडिकल गाइडलाइंस का पालन कर बच सकते हैं, क्योंकि सत्य है कि अभी भी हम इलाज नहीं बचाव के अस्त्र से ही बच सकते हैं। जो हुआ नशे का शिकार उसने फूंक दिया। घर बार जो नशा करेगा वह सड़क पर मरेगा। तंबाकू का पान कैंसर का आवाहन इत्यादि जोरदार नारे जिला प्रभारी अंशु सिंह सेंगर ने लगवाए प्रदेश संयोजिका अंजू सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता मिले, लेकिन खुद ही पूरी सड़क व ऑफिस को क्यों फूंक फूंक कर पीकदान बनाते हैं। और हम ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते। हेलमेट नहीं पहनते। ऊंची बीम पर लाइट जलाते और पकड़े जाने पर ऊंची रसूख का रौब दिखाते हैं। जिला प्रभारी प्रीति सिंह ने कहा कि अपनी स्वाधीनता का उपभोग तो बहुत कर लिया हमने अब कर्तव्यों की भी कुछ सुध लेनी चाहिए।इससे पूर्व योग गुरु ज्योति बाबा का स्वागत माल्यार्पण करते हुए अमृत महोत्सव वर्ष में शहीदों के सम्मान में ज्योति बाबा और उनकी टीम का यह प्रयास देश के लिए अनुकरणीय है। प्रमुख रूप से कुंवर बहादुर सिंह,विशाल श्रीवास्तव,राजीव श्रीवास्तव,गौरव सैनी,अनिल कुमार,हरदीप सिंह सहगल इत्यादि थे।