हाथरस। कहते हैं कि दुनिया बहुत रंगीन है और यह बात सच भी है कि दुनिया सच में बहुत रंगीन है। परन्तु इस सतरंगी दुनिया में ग्रहण लगाने वाले राक्षस भी बहुत हैं, जो अपनी कार्यशैली से दुनिया को सबके सामने बदनाम करते हैं। जी हाँ हम बात कर रहे हैं ऐसे खेल की जिसमें सिर्फ और सिर्फ हमेशा माफियाओं को ही फायदा होता है और बाकी सब देखते ही रह जाते हैं। यह ऐसा खेल है जिसको खेलने के लिए दिन-भर मजदूरी करने वाला भी अपनी पूरी की पूरी दिहाड़ी को भी दांव पर लगा देता है। चाहे भले ही घर पर परिवार को भूखा रहना पड़े।जी हां हम बात कर रहे हैं सट्टे के अवैध खेल की, जो पूरी तरह से लालच का नाम है और उसी लालच में जनता फस भी जाती है। सट्टे के खब्बाल कहते हैं कि इस खेल में 1 रुपए के 80 रुपये मिलते हैं। बस इसी के लालच में जनता फस रही है और सट्टे के खब्बाल मौज मार रहे हैं। इस खेल में 1 से 100 तक के नंबर होते हैं। जिनमें से कोई एक नंबर सट्टे में खुलता है। अब जब पूरे 100 नंबर मौजूद हैं, तो कैसे सट्टा लगाने वाले युवक को आसानी से 1 रुपये के 80 रुपये मिल जाएंगे? इसी कारण लालच में जनता डूब रही है और बर्बाद हो रही है। सट्टे के खेल के अड्डा खातीखाना, गणेश गंज और भूरापीर चौराहा गौशाला रोड आदि जगहों पर फैले हुए है कई और भी क्षेत्र सट्टे के खेल के लिए प्रसिद्व हैं, जो पुलिस की नजरों से जाने कैसे बच रहे हैं यह कह पाना मुश्किल है?
*खब्बाल की पकड़ शायद बहुत ऊपर तक
अब बात देवी वाली बगीची के सामने गली में सट्टे का अवैध धंधा करने वाले खब्बाल की करें तो यह कहना गलत नही होगा कि इस खब्बाल की पकड़ शायद बहुत ऊपर तक है। क्योंकि यह खब्बाल कुछ हफ्ते पहले ही पुलिस ने खाईबाड़ी करते हुए पकड़ा था, लेकिन जमानत मिलने के तुरंत बाद ही वह फिर से और अधिक सक्रिय होकर अपनी सट्टे की खाईबाड़ी कर रहा है और पुलिस शायद अब उसके अवैध धंधे से अंजान है।
*सट्टे के खब्बाल की अब दुबारा से धमाकेदार वापसी
लगभग 5 साल पहले सट्टे की दुनिया से दूर चले जाने वाला सट्टे का खब्बाल अब दुबारा से धमाकेदार वापसी कर चुका है। मेंडू गेट पुलिस चौकी क्षेत्र में आने वाले भूरापीर चौराहे के पास लालडिग्गी मोड़ पर एक छोटे से कमरे में बैठकर एक खब्बाल लोगों के सट्टे के नंबर लिखता है, जिसके लिए उसे पहले उस काम की महीना दारी मिलती थी। लेकिन आज वही महीनादारी पर नंबर लिखने वाला सट्टे का खब्बाल अब खुद 10% कमीशन पर सट्टे की खाईबाड़ी कर रहा है। परंतु पुलिस अब इस खब्बाल से अनजान है या नही, यह तो कह पाना अभी मुश्किल है।
* व्हाट्सअप के माध्यम से खुलेआम सट्टा
मैंडू गेट पुलिस चौकी के क्षेत्र में ही खब्बाल गणेश गंज में व्हाट्सअप के माध्यम से खुलेआम अपने सट्टे की खाई बाड़ी को फड़ चलाकर पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है। शायद उक्त खब्बाल की पकड़ बहुत ऊपर तक के अधिकारियों और नेताओं से है। इसी कारण इसका अवैध सट्टे का धंधा बंद नहीं होता है।
*कुछ स्थानों पर तो चार बार खुलता है सट्टे का नम्बर
एक तरफ तो पुलिस कहती है कि माफियाओं पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा, जबकि दूसरी तरफ अवैध धंधे बढ़ते ही जा रहे हैं। 1 से 100 तक के अंको का लगने वाला सट्टा पहले तो केवल सुबह ही नंबर खुलता था, लेकिन अब तो एक नंबर रात को भी खुलता है। लोग कहते हैं कि रात्रि को लगभग 11ः00 बजे खुलने वाला सट्टे का नाम गली है और सुबह 5ः00 बजे खुलने वाले सट्टे का नाम दिसावर है। अब इससे तो यही समझ आता है कि दिन-प्रतिदिन सट्टा माफिया अपने कारोबार को बढ़ाने में लगे हुए हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो जो सट्टा चल रहा था, वह भी बंद हो जाता। लेकिन अब तो एक के दो हो गए हैं और कुछ स्थानों पर तो चार बार खुलता है सट्टे का नम्बर।