- (नियमों की अनदेखी, व्यक्तिगत संबंधों को वरीयता के साथ किए गए कर्मचारियों के स्थानांतरण से विभाग पर बढ़ेगा टीए डीए का बोझ)
निष्पक्ष जांच करने पर सीसीटीवी फुटेज बन सकते हैं साक्ष्य
(करीब दस साल से एक ही कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी का नहीं किया गया स्थानांतरण)
रायबरेली कर्मचारियों ने बताया कि अधीक्षक डाकघर रायबरेली मंडल अशोक बहादुर सिंह गत माह को सेवानिवृत्त हो गए। पदभार त्यागने के दिन ही उन्होंने स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं, जो कि उनके रिटायरमेंट के 3 दिन बाद कार्यालय द्वारा कर्मचारियों को व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा सूचित किया गया। डाक निदेशालय के आदेशों की घोर अनदेखी उक्त स्थानांतरण आदेश में की गई है। ध्यातव्य है कि स्थानांतरण करने के पूर्व कर्मचारियों से उनकी इच्छा के तीन ऑफिस मांगे जाते हैं, जहां उनका स्थानांतरण किया जाना होता है एवं ऐसे किसी कार्यालय में स्थानांतरण किए जाने पर विभाग को कोई भी हर्जा खर्चा कर्मचारी को नहीं देना होता, जबकि कर्मचारी द्वारा दिए गए विकल्पों के अलावा स्थानांतरण करने पर विभाग को भारी-भरकम टीए-डीए कर्मचारियों को देना पड़ता है। जिससे विभाग पर अनावश्यक आर्थिक दबाव आता है एवं कर्मचारियों को भी एकदम उल्टा स्थानांतरण किए जाने पर परेशानी होती है व कार्य के सुचारू क्रियान्वयन में दिक्कत आती है। इसी वजह से निदेशालय द्वारा आदेश है कि ऐसे किसी स्थानांतरण के लिए चीफ पोस्ट मास्टर जनरल कार्यालय से अनुमति लेने के बाद ही स्थानांतरण किया जाए। परंतु इसकी अनदेखी करते हुए कई लोगों का स्थानांतरण उनके दिए गए विकल्पों के विपरीत दिशाओं में किया गया, जिससे विभाग पर भारी टीए डीए का बोझ बढ़ेगा। इसके अलावा स्थानांतरण आदेश में कुछ ऐसे स्थानांतरण भी किए गए हैं, जो उस पद के लिए योग्य ही नहीं है लेकिन उन्हें उस पद पर पोस्ट कर दिया गया है। यथा मुंशीगंज उप डाकघर एक लोवर सिलेक्शन ग्रेड उप डाकघर है। जहां पर लोवर सिलेक्शन ग्रेड कर्मचारी ही पोस्ट किया जा सकता है, जबकि नियमों की अनदेखी करते हुए अधीक्षक डाकघर ने एक बिलो कैडर कर्मचारी को वहां नियुक्त कर दिया। ऐसे ही जगतपुर जो कि बड़ा दफ्तर है एवं तीन बाबू वहां पर पोस्ट किए जाते हैं, वहां भी स्थानांतरण आदेश में नियमों की अनदेखी करते हुए एक जूनियर कर्मचारी को पोस्ट कर दिया गया है। ऐसे में कर्मचारियों की परेशानी बढ़ना जायज है।
कर्मचारियों का कहना है की अधीक्षक डाकघर महोदय ने अपने व्यक्तिगत संबंधों को देखते हुए भी स्थानांतरण किए हैं, जो कि नियम विरुद्ध है यथा एक साथ ही पोस्ट हुए दो बाबू एक ही कार्यालय में तैनात हैं, जिसमें से एक को उसी कार्यालय में तैनात करके विस्तार दे दिया गया। जबकि दूसरे को दिए गए विकल्पों के उल्टा सुदूर कार्यालय में पोस्ट कर दिया गया। जिससे प्रतीत होता है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है। चर्चा यह भी है की अधीक्षक डाकघर ने कार्यभार छोड़ने के बाद एवं विदाई समारोह में शामिल होने के बाद एवं चार्ज लेने वाले अधिकारी के चले जाने के उपरांत ऑफिस खुलवा कर अपने संबंधित सहायकों के साथ लगभग रात्रि 12:00 बजे तक बैठकर डिवीजन के तमाम कर्मचारियों को आरोप पत्र एवं स्थानांतरण मेमो में पर्याप्त बदलाव करके लगभग 1:00 बजे रात से अपने आवास पर वापस चले गए। जिसकी ऑडियो क्लिप भी चर्चा मे है जिसमें अधीक्षक डाकघर अशोक बहादुर सिंह फाइलों को अपने घर ले जाने की बात कह रहे हैं। यही नहीं प्रधान डाकघर रायबरेली में एक कर्मचारी की नियुक्ति 10 साल से ऊपर से है, जिसका स्थानांतरण आज तक नहीं किया गया।