Tuesday, November 26, 2024
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नहर के दूषित पानी के चलते कूलर की टंकी में पानी भर दिया सूर्यदेव को अर्घ्य

कानपुर। जनप्रतिनिधियों की अनदेखी व नगर प्रशासन की उदासीनता के चलते बर्रा से गुजरती नहर का पानी प्रदूषित दिखा। जिसके चलते छठ पर्व मनाने वाले अनेक परिवारों ने छठ मैया की पूजा अर्चना नहर के घाट पर ना कर के अपने-अपने घरों की छत के ऊपर टब या कूलर की टंकी में पानी भरकर छठ मैया का पर्व मनाया और सूर्यदेव को अर्घ्य दिया।
दामोदर नगर निवासी सरस्वती त्रिपाठी ने बताया कि दक्षिणी शहर में गंदगी के कारण नहर में नालों जैसा गन्दा पानी आता है और कूड़ा कचरा भी फेका जाता है। जब छठ पर्व आया तो जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन को नहर की सुध आई। खाना पूर्ति करने के जन प्रतिनिधियों फोटो खिचवा ली और अधिकारियों ने साफ सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर ली। ऐसे में बीमारियों को घर बुलाना जैसा दिख रहा था नहर में जाकर अर्घ्य देना। अभी हाल की बात करें तो डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी क्षेत्र में पहले से ही पैर पसारे है जिसको देखते अपने पूरे परिवार के साथ अपनी छत पर ही छठ मैया का पूजन कूलर की टंकी में पानी भरकर करना उचित समझा।बताते चलें कि नहरों में गन्दगी के चलते ही कई मुहल्लों ने अपने-अपने पार्को में भी कृत्रिम तालाब बनवाकर छठ पूजा करने का प्रचलन शुरू कर दिया है। शहर के दक्षिणी क्षेत्र बर्रा-8 व विश्व बैंक बर्रा में भी अनेक परिवार आपसी सहयोग करके कृत्रिम तालाब बनवाकर और उनमें स्वच्छ पानी भरवा कर छठ पूजा मनाने का कार्य कई वर्षों से करते चले आ रहे हैं।
हालांकि लोक आस्था के महापर्व छठ पूजन में अरुणोदय अर्घ्य देने के लिए के लिए सोमवार भोर से नहर की घाटों पर आस्था का संगम देखने को मिला। सैकड़ों की संख्या में व्रतियों ने दीप प्रज्वलित कर छठ मइया का वंदन पूजन किया। अपनी अपनी मन्नत मांगी। अरुणोदय की पहली किरण के साथ ही जल में खड़ी व्रतियों ने भगवान सूर्य को जल अर्पित महा व्रत का पारण किया। ढोल नगाड़े और आतिशबाजी के मनोहारी दृश्य के बीच लोक आस्था का महापर्व व्रतियों ने धूमधाम से मनाया।