⇒उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने शुरू की तैयारियां
मथुरा: श्याम बिहारी भार्गव। इस बार ब्रज की होली के कार्यक्रम भव्य एवं व्यवस्थित होंगे। होली के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों से सम्बन्धित मंचों, साज सज्जा, द्वारों आदि का निर्माण, संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग एवं उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा समन्वय स्थापित कर कराया जायेगा। ब्रज की होले विविधि रंग हैं। सांस्कृतिक होली, आध्यात्मिक होली, ब्रज की ठेठ होली, लोक नृत्य, वाद्य यंत्र, लोक गीत सहित तमाम विधाएं ब्रज की होली को दुनिया में अनूठा बनाती हैं। ब्रज के श्री लाडिली जी मंदिर एवं राधारानी मंदिर बरसाना, नन्दबाबा मंदिर एवं नन्दगांव, नंद किला नन्द भवन गोकुल एवं ठकुरानी घाट गोकुल, श्री दाऊजी मंदिर बलदेव, श्री द्वारकाधीश मंदिर मथुरा, श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा, श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन, श्री राधारानी मंदिर रावल, चौरासी खंभा मंदिर महावन, प्रहलाद मंदिर गा्रम फालैन, होली गेट मथुरा स्थानों पर आध्यात्मिक होली के अनूठे रंगों में श्रद्धालु सराबोर होते हैं। ब्रज का मयूर नृत्य, होरी, रसिया एवं फाग गायन, चरकुला नृत्य, स्वांग, फूलों की होली, कृष्ण भजन संकीर्तन, भजन गायन एवं होली गायन, बम रसिया एवं नगाड़ा, ब्रज की लावनी, लोक वाद्ययन्त्रों की प्रस्तुतियां ब्रज की होली को अलग ही रंग देती हैं। ब्रज में इस बार बरसाना में 27 फरवरी लड्डू होली होगी। 28 फरवरी लठामार होली राधा बिहारी इंटर कॉलेज में दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। यहां प्रमुख मार्गों को सजाया जाएगा। प्रिया कुंड की सजावट की जाएगी। लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए छह स्थानों पर छोटी स्टेज बनाई जाएंगी। छह सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे। चार प्रवेश द्वारों का निर्माण किया जाएगा। नृत्य समूहों का भी परफॉर्मेंस होगा। श्री राधा रानी मंदिर पर फसाड लाइटिंग, स्थाई रूप से की जा चुकी है। नंदगांव में एक मार्च को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसके लिए तीन स्थानों पर छोटी स्टेज बनाई जाएंगी। दो स्थानों पर सेल्फी प्वाइण्ट बनाए जाएंगे। चार प्रवेश द्वार बनाए जाते हैं। लोक कलाकारों के नृत्य प्रदर्शन, फसाड लाइटिंग, स्थाई रूप से की जाएंगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर तीन मार्च को श्री कृष्ण जन्मस्थान में नवनिर्मित मंच पर दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, दो और तीन मार्च को होंगे। इसके लिए दो स्थानों पर छोटी स्टेज बनाई जाएंगी। जबकि जन्मभूमि पर पांच स्थानों पर प्रवेश द्वार सजाए जाएंगे। गोकुल में चार मार्च को लोक कलाकार समूहों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसके लिए एक स्थान पर छोटी स्टेज बनाई जाएगी। जबकि दो प्रवेश द्वारा बनाए जाएंगे। एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जाएगा। नन्दकिला नन्द भवन में विद्युत सजावट एवं प्रकाश व्यवस्था की जाएगी।
रसखान समाधि, मुक्ताकाशीय मंच भी होंगे कार्यक्रम
चार मार्च को रसखान के पदों पर होली गायन, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। द्वारिकाधीश मंदिर एवं विश्राम घाट पर सात मार्च को डोला के साथ लोक कलाकारों द्वारा प्रदर्शन होगा। विश्राम घाट पर लोकतान के राग छिडेंगे। चन्द्र सरोवर, पारासौली, मुक्ताकाशीय मंच पर आठ मार्च को अष्टछाप के कवियों के पदों पर होली गायन होगा और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।