खड़ेही लोधन, हमीरपुर। गांव खड़ेही लोधन में चल रही श्री मदभागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक ने ध्रुव चरित्र की कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
मुस्करा के गांव खड़ेही लोधन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पंडित श्री नाथ गुरुदेव ने कथा के माध्यम से राजा उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा सुनाते हुए समझाया कि धुव की सौतेली मां सुरुचि द्वारा अपमानित होने पर भी उनकी मां सुनिति ने धैर्य नहीं खोया। जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य व संयम की नितांत आवश्यता होती है। कहा कि भक्त के लिए कोई उम्र की बाधा नहीं होती। बचपन कच्ची मिट्टी की तरह होता है। जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो तो श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया गया है।इसके बाद महाभारत व रामायण से जुड़े विभिन्न प्रसंग को भी श्रद्धालुओं को सुनाया।कहा कि परम सत्ता में विश्वास रखते हुए हमेशा सतकर्म करते रहना चाहिए। सतसंग हमे भलाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही।