⇒आरटीआई में भी नहीं दिया जवाब, लगा 25 हजार का जुर्माना
मथुरा: श्याम बिहारी भार्गव। वृंदावन में सही और चालू मीटरों को बदलने जाने का कारण अधिकारी नहीं बता रहे हैं। आरटीआई में भी विभाग जवाब देने को तैयार नहीं। सूचना छुपाने और सूचना के प्रवाह में अवरोध डालने के आरोप में आरटीआई कार्यकर्ता की अपील पर राज्य सूचना आयोग ने 25 हजार का अर्थदंड अध्यारोपित किया है। आरटीआई कार्यकर्ता ठाकुर कुंजबिहारी सिंह ने अधिशासी अभियंता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड द्वितीय वृंदावन मथुरा से सूचना मांगी थी कि वृंदावन में लगे बिजली के सही मीटरों को हटा कर किसके आदेश पर अथवा गजट नोटिफिकेशन के आधार पर परिवर्तित किया जा रहा है। यदि राज्य एवं केन्द्र सरकार का ऐसा कोई गजट नोटिफिकेशन हो तो उसकी प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करें। वृंदावन में वर्तमान में लगे चालू एवं सही बिजली के मीटरों के स्थान पर ठेकेदार द्वारा चाइना मेड मीटर लगाए जा रहे हैं। जो किस शासन के किस आदेश के तहत अथवा किस गजट नोटिफिकेशन के आधार पर लगाए जा रहे हैं। उस आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करें। निर्धारित समय सीमा के तहत आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी। इसके बाद कुंजबिहारी सिंह ने इसकी अपील राज्य सूचना आयोग उत्तर प्रदेश में की। 23 सितम्बर को प्रस्तुत प्रकरण की विशेष सुनवाई जनपद आगरा में कैंप लगाकर 26 जुलाई 2022 को की गई। 29 सितम्बर 2020 को प्रथम अपील आयोजित की गई। 30 जुलाई 2021 को द्वितीय अपील आयोजित की गई। चार अप्रैल 2022 आयोग ने सुनवाई करते हुए प्रतिपक्षी जन सूचना अधिकारी कार्यालय मुख्य अभियंता (वितरण) द्वितीय दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा क्षेत्र आगरा को आदेशित किया था कि आवेदक को दो सप्ताह के अंदर सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसके बाद भी सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गयीं। नोटिस को गंभीरता पूर्वक न लेने तथा सूचनाओं को छुपाने का प्रयास करने तथा सूचनाओं को प्रवाह में बाधा डालने का दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध सूचना का अधिनियम के तहत 250 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से 25 हजार का अर्थदण्ड अध्यारोपित किया गया है।