मथुरा। भक्त प्रहलाद की भक्ति भगवान के प्रति अगाध एवं निरछल मानी गई है। ब्रज की माटी तो इसी से प्रेरित होकर आस्था की उसी अग्निपरीक्षा की सैकड़ों वर्षों से गवाह रही है। गांव फालैन का मोनू पंडा बुधवार की भोर बेला में उसी भक्तिरस में डूबकर धधकती होलिका में जा कूदा। फिर सकुशल बाहर निकलकर आस्था की लकीर को और लंबा कर दिया।
मंगलवार को गांव फालैन में शाम जैसे जैसे रात्रि की ओर बढ रही थी, वैसे वैसे प्रहलाद कुंड के किनारे मंदिर पर मंत्रोच्चारण की ध्वनि तेज होती जा रही थी। शुभ मुहूर्त के तहत तीन बजते ही मोनू पंडा ने पंडितों के सानिध्य में पूजा शुरू कर दी। पूजा के बीच हर पल दीपक के जरिए दहकते अंगारों से निकलने की अनुमति मांगी जा रही थी। प्रातः चार बजे के बाद प्रहलाद जी का जयघोष गूंज उठा। पंडा के इशारे पर जोश-उल्लास और भक्त तथा भगवान के रिश्ते की परीक्षा के नजारे को देखने के लिए हुजूम ने टकटकी लगा दी। इशारा मिलते ही तालाब के दूसरी पार पर बनी होलिका दहक उठी। देखते ही देखते मोनू पंडा जयघोष के साथ तालाब में उतर गए। डुबकी लगाते ही पंडा होलिका की ओर दौड पडे। पलक झपकते ही पंडा ने होलिका की ऊंची लपटों को भी मात दे दी और सकुशल बचकर होलिका के दूसरे छोर पर खड़े सेवादारों तक पहुंच गए। यहां उन्होंने पंडा को कपडे में लपेट लिया। उधर पंडा के सकुशल बच निकलते ही जयघोष से पूरा गांव गुंजायमान हो गया। मेले की व्यवस्थाओं को लेकर लोगों ने पुलिस प्रशासन, ग्रामीणों एवं पंचायत को बधाई दी।