⇒तीसरे दिन पंकज महाराज ने किया अनुयायियों को संबोधित
मथुरा। जयगुरुदेव आश्रम में तीन दिवसीय होली मेला सत्संग में होली के अवसर पर पंकज महाराज ने अपने संबोधन में ‘जयगुरुदेव’ नाम, मानव तन और गुरु की महत्ता को बताते हुये शाकाहार और बच्चों में अच्छे संस्कार को इस समय की मांग बताई। तजो मन यह सुख दुःख का धाम पंक्ति को उद्धृत करते हुये बताया कि संत महात्माओं ने इस संसार को सुख दुख की नगरी कहा है। यहां कभी किसी को न हमेशा सुख मिलता है और न ही हमेशा दुख। सुख दुख के मसले पिछले जन्मों के पाप पुण्य के कारण मिलता है। यदि हमारा ध्यान, मालिक यानि गुरु के चरणों में लगा रहेगा तो उससे जीवन में सुख जरूर मिलेगा जिस प्रकार अनेक सुराखों से बहते हुए पानी से खेत की सिंचाई सम्भव नहीं है उसी प्रकार जब तक हमारा ध्यान दुनिया में फैला रहेगा, सुख नहीं मिलेगा। ‘हरि मंदिर यह शरीर है, ज्ञान रतन प्रकट होय की व्याख्या करते हुये बताया कि संतों महात्माओं ने इस पंच भौतिक शरीर को मन्दिर और कुदरती काबा कहा है। कलयुग में कबीर साहब पहले संत थे। उन्होंने जीवों के कल्याण के लिये साहब नाम जगाया। गोस्वामी जी महाराज ने राम और मीराबाई ने गिरधर नाम जगाया। 14 मार्च से 15 अप्रैल उत्तर प्रदेश और गढ़वा छत्तीसगढ़ में सत्संग दौरा करेंगे। उन्होंने बाबा जयगुरुदेव जी महाराज का 11 वां वार्षिक भण्डारे का आयोजन आगामी 17 से 21 मई तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित किये जाने की घोषणा करते हुए इसमें सभी से भाग लेने की अपील की। 23 मार्च को मुक्ति दिवस मनाया जाता है। इस बार भी इस ऐतिहासिक तिथि को प्रातःकाल जयगुरुदेव ध्वजारोहण किया जायेगा। यह पर्व एक सप्ताह तक मनाया जायेगा। पूजन और प्रसाद का कार्यक्रम नौ मार्च तक निरंतर चलता रहेगा। सत्संग मैदान श्रद्धालुओं और उनके हाथों में जयगुरुदेव नाम अंकित ‘धर्म ध्वजा पताकाओं से भरा हुआ था।