राजीव रंजन नाग, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बिना नाम लिए उन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक बंद कर दिया जाता है, इससे बड़ा असत्य और कुछ नहीं हो सकता।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (मेरठ) में आयुर्वेद महाकुंभ को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, हम लोकतंत्र के मंदिरों का इस तरह अनादर होते हुए नहीं देख सकते। लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। हम न केवल सबसे बड़े प्रजातंत्र हैं, हम लोकतंत्र की जननी भी हैं।
उन्होंने कहा, हमारी संविधान सभा ने तीन वर्षों तक अनेक जटिल और विभाजनकारी मुद्दों पर बहस की, उन्हें सुलझाया। लेकिन तीन वर्ष के लंबे समय में, कोई व्यवधान नहीं हुआ। कोई अध्यक्ष के आसन्न के समक्ष में नहीं आया, किसी ने पोस्टर नहीं दिखाये। हमारा आचरण आज उसके विपरीत है। उपराष्ट्रपति ने ऐसा माहौल बनाने का आह्वान किया जहां राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा जैसे लोकतंत्र के मंदिरों के सदस्यों का व्यवहार अनुकरणीय होना चाहिए। उन्होंने कहा, ये कैसे होगा- इसके लिए आप सभी को जनांदोलन करना होगा। उन लोगों को जवाबदेह बनाना होगा जो इस महान देश की उपलब्धियों का निरादर करते हैं।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को लंदन की चर्चा में कहा था कि लोकसभा में काम करने वाले माइक अक्सर विपक्ष के बोलने के दौरान बंद हो जाते हैं। भारतीय मूल के लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा द्वारा सोमवार को लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता ने हाउस ऑफ कॉमन्स में एक दोषपूर्ण माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया था, जिसे उन्होंने भारत में एक दमनकारी विपक्षी बहस के रूप में वर्णित किया था। हमारे माइक खराब नहीं हैं, वे काम कर रहे हैं, लेकिन आप अभी भी उन्हें चालू नहीं कर सकते। ऐसा मेरे बोलने के दौरान संसद में कई बार हुआ है। श्री गांधी ने एक सवाल के जवाब में बताया भारत में एक राजनेता होने का यह मेरा अनुभव।
विदेशों में भारत की छवि खराब करने के लिए कई भाजपा नेताओं ने श्री गांधी की आलोचना की है। उपराष्ट्रपति ने भी, गुरुवार को कांग्रेस सांसद को हमारे सुपोषित लोकतांत्रिक मूल्यों का विचारहीन, अनुचित अपमान कहा था। आज श्री गांधी पर अपना हमला जारी रखते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब वे विदेश जाते हैं तो लोग उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, जो आज भारत की ताकत को दर्शाता है। लेकिन कुछ लोग विदेशों में जाकर भारत को बदनाम करना जारी रखते हैं। उपराष्ट्रपति ने आयुर्वेद पर आयोजित एक कार्यक्रम में योग गुरु रामदेव के सहयोगी पतंजलि के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण से कहा, राज्यसभा का सभापति होने के नाते, मैं कुछ कहना चाहता हूं – कि आपको ऐसी दवा तैयार करनी चाहिए, जिससे संसद की गरिमा बहाल हो। । उन्होंने कहा, लोकसभा एक बड़ी पंचायत है। जहां कभी माइक बंद नहीं होता। कोई बाहर जाकर कहता है कि इस देश में माइक बंद है… उन्होंने कहा-हां, आपातकाल के दौरान एक समय था जब माइक बंद हो जाते थे।
उपराष्ट्रपति बिना गांधी का नाम लिए कहा, आज राज्य सभा के सभापति होने के नाते मजबूरन मुझे कहना पड़ रहा है कि भारत की संसद में माइक बंद नहीं होता। हां एक समय था, एक काला अध्याय था, वह आपतकाल का समय था। हमारा इतिहास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय बेहतरीन कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि भारत आयुर्वेद का मूल स्थल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरठ भारत के इतिहास की धरती है। महाभारत की धरती है। उन्होंने कहा कि हस्तिनापुर ने महाभारत की नींव रखकर इतिहास रचा था। धर्म, कर्म, काम, मोक्ष इससे संबंधित जो है, वह इस ग्रंथ में हैं। उन्होंने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धति ने नौ वर्ष के अंदर दुनिया में लंबी छलांग लगाई है, जिसका श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।