♦जिला कारागार में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन
फिरोजाबाद। रविवार को नवरात्रि के शुभ अवसर पर जिला कारागार में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से कार्यक्रम में समां बांधा।
कार्यक्रम का शुभारम्भ आचार्य हरिओम शर्मा, अभिषेक मिततल चंचल, जेल अधीक्षक ए.के. सिंह, जेलर आनन्द सिंह, रवीन्द्र लाल तिवारी द्वारा माँ सरस्वती देवी की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित एवं माल्यार्पण कर किया गया। कवि सम्मेलन का संचालक मंजुल मंयक द्वारा किया गया। कवि कलम नूरी फिरोजाबाद द्वारा मुहब्बत का दिया हर मोड़ पर हम को जलाना है, ये दीपक ऐसा है जिसका उजाला कम नहीं होता पंक्ति सुनाकर प्रेम का संदेश दिया। कवि जीरो बांदवी बांदा द्वारा आग बहते हुए पानी में लगा सकता हूँ, चांद तेरे वास्ते ला सकता हूँ, मेरे महबूब अगर बात ना मानी मेरी, मैं अकेला ही हनीमून को जा को जा सकता हूँ, कवि डॉ अंगद धारिया आगरा गीतकार व संगीतकार द्वारा जिंदगी को छोड़ भाग दौड़ में लगे, रात दिन घटाव, गुणा जोड़ में लगे, आंख ढाई खो दिये, कबीर के ये म्यें, खुद को मूल दूसरों की होड़ में लगे, कवित्री सीमा पुण्डीर (एटा) द्वारा जहां राधिका से मिले सांवरे हैं, वहां बंधनों से अलग दायरे हैं, मिटाने को जो थी चलें प्रीति सांचि, कई एक उधव हुए बावरे हैं। एवं कवि पंकज टूटपड़े फिरोजाबाद द्वारा थाने जा रिपोर्ट लिखा तेरे पूरे होंगे इरादे, भैंस का मालिक अपनी जगह आजम खां लिखवा दें। कवियों की कविता सुनकर कारागार में निरूद्ध बंदीगण प्रफुल्लित हुए। इस अवसर पर उप जेलर नीरज सिंह, एके सिंह, क्षमा शर्मा, विजेन्द्र गिरी, अशोक दीक्षित, शिक्षाध्यापक आदेश अग्रवाल, सलीग धमो, शोभित भारद्वाज, आकाश गुप्ता, जौनी शर्मा, एम.के. निडर आदि मौजूद रहे।