चरवा/कौशांबी, डी. एस. ठाकुर। बालू के ओवरलोड वाहनों में मिलीभगत जिले की पुलिस से है। इसके चलते वाहन बिना रोक-टोक के जांच के नाम पर जगह-जगह तैनात होने वाली पुलिस भी बिना रोकथाम के ओवरलोड वाहनों को पास कर देती है। यही कारण है कि बालू की ओवरलोडिंग नहीं रुक रही है। चरवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सैयद सरावा, पिपरी थाना क्षेत्र, चायल चौकी 112 रदगहा, तेरामील, तिल्हापुर मोड़ आदि सभी जगहों पर बालू वाहनों से अवैध तरीके से वसूली कर रहे पुलिसकर्मी। पुलिस की दखल बालू कारोबार में कम नहीं है। वह ट्रकों और ट्रैक्टरों को दस्तावेज चेक करने के नाम पर रोकते हैं। और फिर यहीं से सौदेबाजी शुरू हो जाती है। सौदा पटा तो ठीक नहीं तो किसी न किसी दस्तावेज को कम होने का दावा करते हुए वाहन को रोक लिया जाता है और फिर वाहन स्वामी को इन सब समस्याओं से बचने के लिए पुलिस उनको थाने में एंट्री करने का ऑफर भी देती है। ऐसे में वाहन स्वामी पुलिस को इंट्री देने लगते हैं इसी प्रक्रिया को सीधे शब्दों में समझे तो जो गाड़ी जिस थाना क्षेत्र से गुजरे उसे वहां की पुलिस को एक तय राशि देनी होती है। और ऐसा नहीं किया तो पुलिस उसके खिलाफ कार्यवाही कर देती है। पुलिस के इस ओवरलोड गाड़ी के वसूली का कोई समय नहीं। रात के समय सबसे ज्यादा वसूली होती है। हर वाहन से कम से कम ₹100 की वसूली होती है वाहन की ओवरलोडिंग चेक करने का अधिकार पुलिस को नही। यदि पुलिस जांच के नाम पर वसूली कर रही है। तो इसकी जांच कराई जाए।
Read More »सहस्त्रों साल की विरासत पर गर्व करने का क्षण
दक्षिण पूर्व एशिया के देश वियतनाम में खुदाई के दौरान बलुआ पत्थर काएक शिवलिंग मिलना ना सिर्फ पुरातात्विक शोध की दृष्टि से एक अद्भुत घटना हैअपितु भारत के सनातन धर्म की सनातनता और उसकी व्यापकता का एक अहम प्रमाणभी है। यह शिवलिंग 9 वीं शताब्दी का बताया जा रहा है। जिस परिसर में यह शिवलिंग मिला है, इससे पहले भी यहाँ पर भगवान राम और सीता की अनेकमूर्तियाँ और शिवलिंग मिल चुके हैं। आधुनिक इतिहासकार भारत की सनातनसंस्कृति को लेकर जो भी दावे करें किंतु इसकी सनातनता और लगभग सम्पूर्णविश्व में इसके फैले होने के प्रमाण अनेक अवसरों पर ऐसे ही सामने आते रहतेहैं। और जब इस प्रकार के प्रमाण प्रत्यक्ष होते हैं तो स्वतः ही यह प्रश्नउठता है कि “प्रत्यक्षम किम प्रमाणम ?” अर्थात प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता? आज हम ऐसे ही प्रमाणों की बात करेंगे जो हमें जितने आश्चर्यचकित करते हैं उतने ही गौरवान्वित भी करते हैं।
Read More »फार्मा व्यवसाय को एआई और मशीन के मूल्य को पहचानने में मदद कर रहे हैं इंद्रप्रीत सिंह कैम्बो
पिछले कुछ वर्षों में, समाचार में ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (एआई) और ‘मशीन लर्निंग’ (एमएल) शब्द आम हो गए हैं। पिछले पांच वर्षों में फार्मा और बायोटेक उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग ने नया स्वरूप दिया है कि कैसे वैज्ञानिक नई दवाओं का विकास करते हैं, बीमारी से निपटते हैं, आदि।
इंद्रप्रीत सिंह कम्बो एक विशेषज्ञ हैं जो फार्मा व्यवसाय को एआई और मशीन के मूल्य को पहचानने के बीच अंतर को कम करने में मदद कर रहे हैं। वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकियों (एआई) की तैनाती से फार्मा कंपनियों की सहायता कर रहा है। अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, वह डेटा से समझौता किए बिना विशिष्ट अंतर्दृष्टि को उजागर करने में सक्षम है। वह एक इनोवेटर है, जो कि थियो फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री की जटिल व्यावसायिक जरूरतों को हल करने के लिए आउट ऑफ द बॉक्स आइडिया देते है। क्योंकि उनके समाधान आम तौर पर क्लाउड में बनाए जाते हैं, वे लचीली, स्केलेबल और हमेशा बदलती जानकारी और विश्लेषणात्मक जरूरतों के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
समस्याओं से दूर हो रियलिटी शो बनी पत्रकारिता -प्रियंका सौरभ
पूरी दुनिया ने पत्रकारिता को अपना एक अभिन्न और खास अंग माना है और साथ ही लोकतंत्र में इसको चौथा स्तंभ के रूप में माना गया है। वह 30 मई का ही दिन था, जब देश का पहला हिन्दी अखबार ‘उदंत मार्तण्ड’ प्रकाशित हुआ। इसी दिन को हिन्दी पत्रकारिता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। हिन्दी के पहले अखबार के प्रकाशन को 193 वर्ष हो गए हैं।
30 मई 2019 यानि आज पूरे देश में पत्रकारों का सबसे खास दिन पत्रकारिता दिवस 2019 ( मनाया जा रहा है। सन 1826 में सबसे पहले हिंदी भाषा में समाचार पत्र उदंत मार्तंड जारी हुआ था। जिससे भारतीय पत्रकारिता की शुरुआत हुई थी। इस दिन को ही हर साल पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है,इस अवधि में कई समाचार-पत्र शुरू हुए, उनमें से कई बन्द भी हुए, लेकिन उस समय शुरू हुआ हिन्दी पत्रकारिता का यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। लेकिन, अब उद्देश्य पत्रकारिता से ज्यादा व्यावसायिक हो गया है।
सत्ता के नशे में चूर भाजपा दक्षिण जिलाध्यक्ष ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को लेकर किया समारोह
कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। जरौली इलाके में स्थित त्रिवेणी स्कूल के संचालक प्रमोद मिश्रा द्वारा कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने का एक कार्यक्रम अयोजित किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि कानपुर दक्षिण की जिला अध्यक्ष वीना आर्या द्वारा कोरोना योद्धा जैसे सफाई कर्मचारी, प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मानित करना था। कार्यक्रम में कानपुर नगर के बर्रा थानाघ्यक्ष रणजीत राय व समस्त चौकी इंचार्ज सम्मलित थे। इन सबके मौजूदगी में भाजपा नेत्री वीना आर्या के समर्थकों सहित अन्य लोगों ने लाॅकडाउन की जमकर धज्जियाँ उड़ायी। कार्यक्रम में सम्मलित लोगों में किसी भी तरह का शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया गया था। इसके साथ ही बिना मास्क के सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र कर लोगों ने जमकर फोटो खिंचवाई।
आप को बता दे की वर्तमान में शहर में किसी भी तरह के कार्यक्रम आयोजन पर रोक लगी हैं। लेकिन नेताओं पर इसका नियम नहीं लागू होता है। कहावत है ’’जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का’’ सिद्ध होती नजर आती है।
आरोपी को पकड़ने गयी पुलिस पर हमला, दरोगा की फाड़ी वर्दी
कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। शिवली कोतवाली के औनहा चौकी इंचार्ज व चार सिपाही आरोपी को पकड़ने गए तभी परिजनों व अन्य लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया जिससे चौकी प्रभारी व अन्य सिपाहियों को मामूली चोट आई वही चौकी प्रभारी व सिपाहियों की वर्दी फट गई। मारपीट होते समय चौकी प्रभारी की पिस्टल छिनने की कोशिश की गई बाद में पिस्टल पास के खेत पर मिल गई। वही शिवली कोतवाली सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच आरोपियों को पकड़ने का कार्य किया गया। आप को बता दे कि कन्नौज कोतवाली में दर्ज साइबर क्राइम के मुकदमे में बन्नापुर का रवि आरोपी है जिसको पकड़ने के लिए कन्नौज के क्राइम ब्रांच के एसआई कुलदीप व औनाहा चौकी के देवेश कुमार यादव व सिपाही गए थे सुत्रों से ज्ञात हुुुआ की आरोपी परिजनों व महिलाओं ने हमला बोल दिया चौकी इंचार्ज की वर्दी फट गई। सिपाही रामनरेश को चोट लगी है पिस्टल छीन लिया था जो बाद में खेतों में पड़ा मिल गया। खबर लिखे जाने तक मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया है आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है वही अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार ने बताया कि महिला व अन्य लोगों द्वारा हमला किया गया था पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
Read More »राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र में विभिन्न योजनान्तर्गत प्रशिक्षण हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित
प्रशिक्षण हेतु आवेदन पत्र जमा करने की अन्तिम तिथि 22 जून प्रस्तावित
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ0प्र0 लखनऊ के खाद्य प्रसंस्करण अनुभाग द्वारा संचालित योजनान्तर्गत राजकीय फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र, 3-एच0आई0जी, कमला नगर, प्रयागराज में वर्ष 2020-21 हेतु रोजगार परक 100 दिवसीय उद्यमिता विकास खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण (अनुसूचित जातियों के लिए), महात्मा गाॅंधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजनान्तर्गत तीन दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर प्रशिक्षण एवं एक माह का उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु नवउद्यमियों/रूचि रखने वाले शिक्षित बेरोजगारों हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये जा रहे है। आवेदन पत्र जमा करने की अन्तिम तिथि 22 जून, 2020 प्रस्तावित है।
अभ्यर्थियों का चयन शासन नीति व निदेशालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार किया जायेगा। पूर्ण जानकारी हेतु सम्बन्धित जनपद प्रभारी राजकीय फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र, 3-एच0आई0जी, कमला नगर, प्रयागराज (मो0नं0-9455349386) व मण्डल कार्यालय प्रधानाचार्य राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र, 13-ए, बेली रोड (जगराम चौराहा) प्रयागराज (दूरभाष सं0-0532-2440070) से कार्य दिवस में सम्पर्क कर सकते हैं।
एचडीएफसी बैंक के प्रतिनिधियों ने मंडलायुक्त को 100 पीपी किट सहायतार्थ प्रदान किये
मण्डलायुक्त ने 100 पीपीई किट और 100 एन 95 मास्क को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपा
हम उभर कर आएंगे, हम कोरोना से जीत कर दिखाएंगे-मण्डलायुक्त
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। मण्डलायुक्त आर रमेश कुमार ने एचडीएफसी बैंक द्वारा प्राप्त 100 पीपीई किट और 100 एन 95 मास्क को मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीएस वाजपेई को सौंपा। मण्डलायुक्त ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड 19 में जब संक्रमण और मौत के आंकड़े पूरे विश्व में एक भय का माहौल बना चुके हैं, ऐसी स्थिति में प्रशासन के साथ एचडीएफसी का यह कदम सराहनीय है। इससे इस महामारी की चुनौतियों से लड़ने में मदद मिलेगी। मंडलायुक्त एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि एचडीएफसी बैंक और उनके क्लस्टर हेड अजय कुमार गुप्ता, शाखा प्रमुख शिशिर श्रीवास्तव एवं अन्य सभी कर्मचारी बधाई के पात्र हैं जो निःस्वार्थ सेवा भाव से हर क्षण सेवा में तत्पर हैं और अपना योगदान दे रहे हैं। मण्डलायुक्त ने बैंक की पहल की सराहना करते हुए जनता से अपील भी कि जो भी चाहे अपने सामर्थ्य से योगदान करें ताकि सब मिलकर इस महामारी से उभर सकें।
मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के निर्देश पर राजरूपपुर, कालिंदीपुरम सैनिटाइजर हुआ
भाजपाइयों ने हर मोहल्लें और गलियों में नगर निगम द्वारा सैनिटीज़र्स गाड़ी से छिड़काव कराया
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। वैश्विक कोरोना महामारी में लॉक डाउन के चौथे चरण में संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से विधानसभा शहर पश्चिमी वासियों में अदृश्य बीमारी को लेकर दहशत में हैं। नागरिक लगातार मांग कर रहे थे कि मोहल्लों और गलियों में सैनिटाइजर करवाया जाए जिससे कोरोना महामारी पर अंकुश लगे। नगर निगम द्वारा राजरूपपुर एवं भावराव देवरस नगर, गोवर्धन, बरसाना, गोकुल खण्ड, नंद ग्राम सहित कालिंदीपुरम के सभी मार्गों पर बने मकानों और गलियों में शहर पश्चिमी विधायक, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के निर्देश पर सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया।
इस छिड़काव में सहयोगी कार्यकर्ताओं के रूप में भाजपा मंडल अध्यक्ष कौशकी सिंह, रंजन शुक्ला, मनोज गुप्ता, नीरज वर्मा, दिलीप जायसवाल, नवनीत श्रीवास्तव एवं धीरज श्रीवास्तव, शशांक गुप्ता, शिव तिवारी, हिमांशु गौतम, आभा सिंह, रंजना मिश्रा, गुलाब सिंह पटेल, आरती राय, मीडिया प्रभारी दिनेश तिवारी आदि भाजपा कार्यकर्ताओं ने हर मोहल्ले में छिड़काव करवाने में सहभागिता दिया।
टीके के विकास और दवाओं के परीक्षण के लिए सीसीएमबी में कोरोना वायरस कल्चर
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला आणविक जीवविज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों ने मरीजों के नमूने से कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) का स्थिर संवर्धन (कल्चर) किया है। लैब में वायरस के संवर्धन की क्षमता से सीसीएमबी के वैज्ञानिकों को कोविड-19 से लड़ने के लिए टीका विकसित करने और संभावित दवाओं के परीक्षण में मदद मिल सकती है।
वैज्ञानिक जब वायरस कल्चर करते हैं, तो यह स्थिर होना चाहिए, जिसका अर्थ है कि वायरस संवर्धन निरंतर होते रहना चाहिए। इसीलिए, इसे स्थिर संवर्धन कहा जाता है। नोवेल कोरोना वायरस एसीई-2 नामक रिसेप्टर प्रोटीन के साथ मिलकर मानव के श्वसन मार्ग में एपीथीलियल कोशिकाओं को संक्रमित करता है। श्वसन मार्ग में एपीथीलियल कोशिकाएं प्रचुरता से एसीई-2 रिसेप्टर प्रोटीन को व्यक्त करती हैं, जिससे इस वायरस से संक्रमित मरीजों में श्वसन रोगों का खतरा बढ़ जाता है। कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश की एंटोसाइटोसिस नामक प्रक्रिया के बाद वायरस आरएनए कोशिकाओं के साइटोप्लाज्म में रिलीज होता है, जहाँ यह पहले वायरल प्रोटीन बनाता है और फिर जीनोमिक आरएनए की प्रतिकृति बनने लगती है। इस प्रकार, वायरस इन कोशिका संसाधनों का उपयोग अपनी संख्या बढ़ाने के लिए करता है।