चरवा/कौशांबी, डी. एस. ठाकुर। बालू के ओवरलोड वाहनों में मिलीभगत जिले की पुलिस से है। इसके चलते वाहन बिना रोक-टोक के जांच के नाम पर जगह-जगह तैनात होने वाली पुलिस भी बिना रोकथाम के ओवरलोड वाहनों को पास कर देती है। यही कारण है कि बालू की ओवरलोडिंग नहीं रुक रही है। चरवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सैयद सरावा, पिपरी थाना क्षेत्र, चायल चौकी 112 रदगहा, तेरामील, तिल्हापुर मोड़ आदि सभी जगहों पर बालू वाहनों से अवैध तरीके से वसूली कर रहे पुलिसकर्मी। पुलिस की दखल बालू कारोबार में कम नहीं है। वह ट्रकों और ट्रैक्टरों को दस्तावेज चेक करने के नाम पर रोकते हैं। और फिर यहीं से सौदेबाजी शुरू हो जाती है। सौदा पटा तो ठीक नहीं तो किसी न किसी दस्तावेज को कम होने का दावा करते हुए वाहन को रोक लिया जाता है और फिर वाहन स्वामी को इन सब समस्याओं से बचने के लिए पुलिस उनको थाने में एंट्री करने का ऑफर भी देती है। ऐसे में वाहन स्वामी पुलिस को इंट्री देने लगते हैं इसी प्रक्रिया को सीधे शब्दों में समझे तो जो गाड़ी जिस थाना क्षेत्र से गुजरे उसे वहां की पुलिस को एक तय राशि देनी होती है। और ऐसा नहीं किया तो पुलिस उसके खिलाफ कार्यवाही कर देती है। पुलिस के इस ओवरलोड गाड़ी के वसूली का कोई समय नहीं। रात के समय सबसे ज्यादा वसूली होती है। हर वाहन से कम से कम ₹100 की वसूली होती है वाहन की ओवरलोडिंग चेक करने का अधिकार पुलिस को नही। यदि पुलिस जांच के नाम पर वसूली कर रही है। तो इसकी जांच कराई जाए।