मृत कोरोना “वॉरियर्स” के प्रत्येसक परिवार को 3 लाख रुपये दान किए
मौजूदा कोविड-19 प्रकोप के दौरान देश का पुलिस बल अग्रिम मोर्चे पर रहकर इस महमारी से लड़ाई कर रहा है। कई समर्पित पुलिसकर्मियों ने इस दौरान अपनी जान गंवा दी है।
एक जिम्मेहदार कंपनी होने के नाते, मैनकाइंड फार्मा इन हीरोज के परिवारों के साथ खड़ा हुआ है और इसने उन्हें। सहयोग देने के लिए 5 करोड़ रुपये दान किए हैं। कंपनी इन वॉरियर्स के प्रत्येरक परिवार को 3 लाख रुपये दान करेगी।
मैनकाइंड फार्मा कई तरह से महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में शामिल रहा है। कंपनी ने किफायती दवाओं का उत्पाोदन किया, राज्यों को वेंटिलेटर्स, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) और दवाईयां दान कीं। कोरोनावायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए पुलिस बल के इन समर्पित प्रयासों से समाज के सभी वर्गों से उन्हेंर प्रशंसा मिल रही है। मैनकाइंड फार्मा का मानना है कि एक नागरिक और देश के हिस्सेस के तौर पर यह हमारा कर्तव्यह है कि हमारे बहादुर पुलिस अधिकारियों के निस्वाकर्थ बलिदान की सराहना की जाए।
छोटे व मझोले समाचारपत्रों को विशेष पैकेज जारी करे केन्द्र सरकारः चन्दोला
⇒वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न
⇒छोटे व मझोले समाचारपत्रों की समस्याओं पर हुई चर्चा
⇒छोटे व मझोले समाचारपत्रों को विशेष पैकेज देने की मांग की
कानपुरः जन सामना ब्यूरो। एसोसिएशन आॅफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स आॅफ इण्डिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज एसोसिएशन के मुख्यालय में वीडियो कान्फ्रेन्स के द्वारा सम्पन्न हुई।
बैठक में आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के अध्यक्षों/सदस्यों ने भाग लिया। ज्ञातव्य है कि कोराना के संक्रमण के कारण घोषित किये गये लाॅकडाउन के चलते जयपुर, राजस्थान में प्रस्तावित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक स्थगित कर दी गई थी। आज आयोजित बैठक में नेशनल काउंसिल की पिछली मीटिंग की रिपोर्ट पढ़ कर सुनाई गई। सभी पदाधिकारियों ने ने पिछली कार्यवाही की पुष्टि की।
इसके बाद कई सदस्यों ने डी ए वी पी व आर एन आई से सम्बन्धित समस्यायें एक-एक कर बताईं। इस पर उन्हें समस्याओं के बारे में समाधान का तरीका बताया गया। वीडियो कांफ्रेसिंग में शामिल में सदस्यों ने कोरोना के कारण घोषित किये गये लाॅकडाउन की अवधि के दौरान प्रभावित हुए छोटे व मझोले समाचारपत्रों की क्षतिपूर्ति के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों से विशेष पैकेज की मांगने की बात राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष रखी। इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने कहा कि छोटे व मझोले समाचारपत्रों पर पनपे संकट को दूर करने के लिये विशेष पैकेज जारी करने की मांग करता हूं व इस बावत केन्द्र सरकार से पत्राचार कर समस्या का समाधान करने की मांग करूंगा।
डीएम ने ग्राम पंचायतों में जन सूचना केन्द्रों को खोले जाने हेतु दी स्वीकृति
कोविड-19 में निगरानी समिति में लापरवाही पर ग्राम पंचायत अधिकारी को किया निलंबित
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। ग्राम पंचायतों में जन सूचना केन्द्रों को खोले जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन कलेक्टेªट कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में डीपीआरओ द्वारा अवगत कराया गया कि ग्राम पंचायतों में जन सूचना केन्द्र को खोले जाने हेतु 10 ग्राम पंचायतों में खोला जाना तथा जिसमें बजट के तहत जिसमें जिलाधिकारी द्वारा 5 जन सूचना केन्द्रों को खोलने की स्वीकृति कर दी है। जिलाधिकारी ने जन सूचना केन्द्रों के सुचारू रूप से चलायेगे तथा जो केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा योजनाये चलायी जा रही है उनकी जानकारी भी लोगों को देंगे इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नही की जायेगी।
डीपीआरओ ने बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी अमित कुमार जो वर्तमान में ग्राम पंचायत जैनपुर, सीधामऊ, नाही जूनियां, कुरवा खुर्द व करवक विकास खण्ड सरवनखेडा मे तैनात है। ग्राम पंचायत नाही ज्यूनियां विकास खण्ड सरवनखेडा में कोविड-19 वैश्विक महामारी की गठित निगरानी समिति में अमित कुमार ग्राम पंचायत अधिकारी/सचिव के रूप में है।
जब अस्पताल ही हो बीमार तो बीमार कहाँ जाए
आज इस कोविड -19 नामक वैश्विक महामारी ने विकसित व विकासशील सभी देशों को लगभग घुटने पर ला दिया है। इस वैश्विक महामारी के चलते चारों तरफ़ हाहाकार मचा हुआ है। लोग की आँखों में कोरोना के खतरे का डर साफ-साफ झलक रहा है। विश्व स्तर पर अगर नजर डालें तो अब तक कोरोना वायरस से ७६६५०१७ लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है इससे ४२५६०९ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोविड -19 का संक्रमण अब बहुत तेजी बढ़ रहा है इसका बस एक ही कारण है कि आखिर कब ज़िन्दगी की गाड़ी को रोके रखा जाए क्योंकि अगर हम गतिशीलता नहीं दिखाएंगे तो भूख से मर जाएंगे। ऐसे में जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा जिससे कम से कम दो वक्त की रोटी तो नसीब हो सके।
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लॉकडाउन की वजह से दुनियाभर में लोग घरों में है। तेल की मांग में कमी की यह भी एक बड़ी वजह है। दुनिया के पास फिलहाल इस्तेमाल की ज़रूरत से ज़्यादा कच्चा तेल है और आर्थिक गिरावट की वजह से दुनियाभर में तेल की मांग में कमी आई है। तेल के सबसे बड़े निर्यातक ओपेक और इसके सहयोगी जैसे रूस, पहले ही तेल के उत्पादन में रिकॉर्ड कमी लाने पर राज़ी हो चुके है। अमरीका और बाकी देशों में भी तेल उत्पादन में कमी लाने का फ़ैसला लिया गया है। लेकिन तेल उत्पादन में कमी लाने के बावजूद दुनिया के पास इस्तेमाल की ज़रूरत से अधिक कच्चा तेल उपलब्ध है। समंदर और धरती पर भी स्टोरेज तेज़ी से भर रहे हैं। स्टोरोज की कमी भी एक समस्या बन रही है। साथ ही कोरोना महामारी से बाहर आने के बाद भी दुनिया में तेल की मांग धीरे-धीरे बढ़ेगी और हालात सामान्य होने में लंबा वक़्त लगेगा। क्योंकि यह सब कुछ स्वास्थ्य संकट के निपटने पर निर्भर करता है।
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हमारे देश की संस्कृति, आस्था और विश्वास से बनी है ,लेकिन इससे भी इंकार नही किया जा सकता है कि यही आस्था जब विश्वास से अंधविश्वास में बदल जाती है तो बड़ी मुसीबत भी लेकर आती है। कई बार इसका नुकसान बड़ा हो जाता है। अब कोरोना को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जो अंधविश्वास फैला है वो किसी बड़ी मुसीबत का मार्ग प्रसस्त कर रहा।
गाँव में अक्सर कुछ ना कुछ नया होता रहता है, पर ऐसा कुछ होगा ये हमारे लिए आश्चर्यजनक ही है, हाँ सच में जब मुझे पता चला कि ग्रामीण महिलाएं कोरोना माता की कथा करवा रही हैं तो मुझे समझ आया हमारा देश कितनी तरक्की पर है। इस दुखद परिस्थिति में जब बड़ी बड़ी महाशक्तियाँ हार मान रही है तब हमारे देश में सब कुछ नया हो रहा है एक से बढ़कर एक वैद्य है, पुजारी है, फिर भारतीयों को डर किस बात का। कल एक बाबाजी से कहा कि बाबा मुँह पर गमछा बाँध कर चलिए! कोरोना के विषय में तो आप जानते ही हैं! उन्होंने मेरी तरफ घूर कर देखा “का करिहे करोना ”
हाँ क्या ही कर सकता है कोरोना दद्दू का, हम मन ही मन सोच रहे थे कि उन्होंने कहा -“करोना जहां क होये तहां होय, इहाँ कुछ न कई पाई”
अब इसे विश्वास कहे या अंधविश्वास मगर महिलाओं ने कोरोना माता की पूजा अर्चना शुरू कर दी है।
–ओ सुशांत! आखिर क्यों तुम कर गए हम सब के मन को अशांत–
ओ सुशांत!
जोड़ा था तुमने सबसे पहले “पवित्र रिश्ता” ज़ी.टीवी” के माध्यम से हम दर्शकों के साथ,
बन “अर्चना” के “मानव” तुमने सिखाया हमसब को
कैसे निभाते हैं हर दुःख में अपनी जीवन संगिनी का साथ,
अपनी मां के सपनों को पूरा करने के लिए की तुमने मेहनत दिन रात।
पी.के में तुमने ही तो सिखाया था न “सरफ़राज़” ने धोखा नही दिया,
फिर दिखाया छिछोरे में “”खुदकुशी ना करना”” ,
फिर क्यों खुद तुमने ही कर दिया हम सबके मन को अशांत,
प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना महामारी की विश्व व्यापी विभीषिका एवं लाॅकडाउन के बावजूद गन्ना किसानों के हित में लगातार कार्य कर रहे हैं। सरकार ने इस पर विशेष बल दिया कि किसानों एवं गन्ना किसानों को आर्थिक लाभ होता रहे। उनको किसी प्रकार की परेशानी न होने पाये। प्रदेश सरकार ने गन्ने की बसंतकालीन गन्ना बुआई माह फरवरी से अप्रैल तक को दृष्टिगत रखते हुए किसानों को सभी आवश्यक निवेशों की उपलब्धता कराई है। सरकार ने सभी चीनी मिलों को निर्देश दिये कि वे इच्छित किसानों को उनकी सहमति के आधार पर ब्याजमुक्त ऋण पर गन्ना बीज, उर्वरक, कीटनाशक एवं अन्य निवेश उपलब्ध कराते हुए अधिक से अधिक किसानों के खेतों पर गन्ना बुआई कराये। चीनी मिलों द्वारा भी किसानों को गन्ना बुआई में सहयोग दिया गया। धनाभाव के कारण किसी गन्ना किसान की बुआई प्रभावित नहीं हुई है। सरकार ने लाॅकडाउन के दौरान भी गन्ना किसानों को आर्थिक समस्या नहीं आने दी।
Read More »फूड प्रोसेसिंग में प्रशिक्षण प्राप्त कर पायें स्वरोजगार
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र, 110/25-26 द्वितीय तल, नेहरू नगर, सरवन टेन्ट हाउस के पास, 80 फीट रोड, कानपुर नगर में एक मासीय अल्पकालीन कुकरी, बेकरी एवं कन्फेक्शनरी व सम्मिलित कोर्स जैसे सेमी फिनीस्ड फूड मिनिमल प्रोसेसिंग, जैम, जैली, सा, कैण्डी, बिस्कुट, केक, बन्स, पिज्जा, फास्ट फूड आदि का प्रशिक्षण संचालित किया जायेगा। इच्छुक अभ्यर्थी जो प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते है कार्यालय दिवस में आकर पंजीकरण करा सकते है कार्यालय में प्रवेश हेतु कोविड -19 के दिशा निर्देशों जैसे मास्क सेनिटाइजर सोशल डिस्टेसिंग का पालन अनिवार्य है अधिकतम जानकारी हेतु फोन नम्बर 8736948441, 8787227152, 9415547475 पर सम्पर्क कर सकते है। उपरोक्त जानकारी प्रधानाचार्य राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र अधिकारी दे दी है।
Read More »मरुस्थलीकरण और सूखा : दुनिया के समक्ष बड़ी चुनौती -प्रियंका सौरभ
मरुस्थलीकरण जमीन के खराब होकर अनुपजाऊ हो जाने की ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें जलवायु परिवर्तन तथा मानवीय गतिविधियों समेत अन्य कई कारणों से शुष्क, अर्द्ध-शुष्क और निर्जल अर्द्ध-नम इलाकों की जमीन रेगिस्तान में बदल जाती है। अतः जमीन की उत्पादन क्षमता में कमी और ह्रास होता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने ‘विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस’ पर अपने वीडियो संदेश में सचेत किया है कि दुनिया हर साल 24 अरब टन उपजाऊ भूमि खो देती है। उन्होंने कहा कि भूमि की गुणवत्ता ख़राब होने से राष्ट्रीय घरेलू उत्पाद में हर साल आठ प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. भूमि क्षरण और उसके दुष्प्रभावों से मानवता पर मंडराते जलवायु संकट के और गहराने की आशंका है।
मरुस्थलीकरण की चुनौती-