Friday, November 8, 2024
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बैंड संचालकों ने सरकार से श्रमिकों के लिए आर्थिक सहायता की मांग की

कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। आज कानपुर बैंड संचालक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश चन्द्र कुंडे के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल  कोरोना महामारी समय में बैंड संचालकों की समस्याओं से सम्बंधित ज्ञापन उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के सदस्य व अपना दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव अजय प्रताप सिंह को सौंपा ज्ञापन के माध्यम से बताया कि कोरोना काल में शादी आदि में लोगों की संख्या सीमित होने से बैंड संचालकों व बैंड वादको को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। इस समय सहालक का समय है और इसी समय बैंड संचालक पूरे वर्ष के लिए अपने जीवनयापन की व्यवस्था करते है। बैंडसंचालको ने अजय प्रताप सिंह को दिए ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की है शादी में कम से कम 100 व्यक्तियों व 11 बैंड कर्ताओं की अनुमति प्रदान की जाए ताकि बैंड वालो का भी काम चल सके और ऐसा न होने पर बैंड संचालकों व श्रमिकों के जीवन यापन के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है।

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5 दिनों से लापता दो पार्टी कार्यकर्ताओं का कोई सुराग नहीं

विश्वात्मा भारत गांधी की रिहाई के खिलाफ षड्यंत्र
दीमापुर/नागालैंड, जन सामना ब्यूरो। वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के दो पार्टी कार्यकर्ताओं के होटल मून स्टार, दीमापुर से लापता हुए 5 दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक उन्हें खोज नहीं पाई है। दोनों पार्टी कार्यकर्ताओं के गायब होने के पीछे का कारण नागालैंड में वोटर पार्टी इंटरनेशनल के नीति निदेशक विश्वात्मा भारत गांधी की रिहाई को रोकना है। श्री विश्वात्मा को दीमापुर में चल रहे राजनीतिक प्रशिक्षण के 3 दिवसीय सत्र के बाद 13 मार्च को दीमापुर पुलिस ने धोखे से गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने बिना किसी कारण श्री विश्वात्मा को 10 दिनों तक हिरासत में रखा और फिर 23 मार्च को जेल भेज दिया। पार्टी के अखिल भारतीय समिति के सचिव शिवाकांत गोरखपुरी और उनके सहायक नवीन कुमार, 14 मार्च को श्री विश्वात्मा की गिरफ्तारी के बाद नागालैंड पहुंचे। वे जेल से उसकी रिहाई के लिए काम कर रहे थे। दुर्भाग्य से विश्वात्मा की रिहाई से पहले ही वे लॉकडाउन के कारण दीमापुर में ही फंस गए। विश्वात्मा लॉकडाउन खत्म होने के बाद 20 मई को जमानत पर रिहा होने वाले थे।

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बाइक पलटने से अधेड़ की गई जान

चकिया/चन्दौली, दीपनारायण यादव। कोतवाली क्षेत्र के जलेबिया मोड़ के पास सोनभद्र से बाइक द्वारा अपने घर भुड़कुआ आ रहे सियाराम 56 वर्षीय एक अधेड़ की गिरने से मौत हो गयी। बताया गया कि उक्त व्यक्ति सोनभद्र के नेडा कार्यालय में कार्यरत था जो इलिया थाना क्षेत्र स्थित अपने गांव भुड़कुड़ा आ रहा था। बताया गया कि यह घटना बाइक अनियंत्रित होने के कारण हुई है। घटना के बाद घायल व्यक्ति को किसी तरह जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया लाया गया जहां चिकित्सक ने मौत की पुष्टि की।सूचना मिलने पर पहुंचे परिजनों ने पुलिस को फोन से बताया, जिस पर पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर अगली कार्यवाही में जुट गयी।

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गलत ऑपरेशन से युवक की हुई मौत

इटावा, राहुल तिवारी। इटावा जनपद में 1 महीने में गलत ऑपरेशन की वजह से दो लोगों की मौत हो चुकी है इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है जो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं वही आज एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया।
इटावा जनपद के फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बने मां शारदा क्लीनिक पर एक युवक की रात के दौरान मौत हो गई वहीं परिजनों ने आरोप लगाया है कि हमने अपने भाई को पथरी के इलाज के लिए मां शारदा क्लीनिक पर भर्ती कराया था जहां पर हमारे भाई का गलत तरीके से इलाज किया गया जिससे उसकी मौत हो गई जिस वक्त युवक की उपचार के दौरान मौत हुई उस वक्त जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में काम करने वाले डॉक्टर ए. के. शाक्य भी मौजूद थे। इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से बात की तो उन्होंने बताया कि ए. के. शाक्य हमारे जिला अस्पताल वार्ड के इमरजेंसी में मरीजों को उपचार करते हैं अगर सरकारी डॉक्टर मां शारदा क्लीनिक हॉस्पिटल पर मौजूद था और जिसकी देखरेख में ऑपरेशन किया गया तो डॉक्टर के खिलाफ हमारी ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी अब देखना यह होगा कि लगातार जनपद में बिना रजिस्ट्रेशन के हॉस्पिटल चल रहे हैं और लगातार आम जनता को अपनी जान गवानी पड़ रही है लेकिन जिला प्रशासन आगे क्या कार्रवाई करता है।

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डिजिटल इंडिया की सफलता गरीब और विकासशील देशों के लिए आशा की किरण: कॉमनवेल्थ महासचिव

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की सफलता को हाल ही में कॉमनवेल्थ की महासचिव पैट्रिशिया स्कॉटलैंड ने जम कर सराहा है। उन्होंने भारत द्वारा डिजिटल टेक्नोलॉजी के द्वारा आम लोगों के जीवन में लाये सुधारों को गरीब और विकासशील देशों के लिए आशा और उम्मीद की नई किरण बताया है।
एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कॉमनवेल्थ की महासचिव पैट्रिशिया स्कॉटलैंड ने बताया कि जिस प्रकार से भारत ने डिजिटल इंडिया के द्वारा जनता की आकांक्षाओं को तकनीक के नए प्रयोगों के द्वारा नए अवसर सृजित कर और डिजिटल सेवाओं को कम दाम में लोगों तक पहुंचा कर सफलता पाई है वो गरीब और विकासशील देशों के लिए उम्मीद की नई किरण ले कर आया है।

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एचआईएल (इंडिया) ईरान को टिड्डी नियंत्रण कीटनाशक उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से तैयार

इस केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की क्रेडिट रेटिंग ‘बीबी’ से बढ़ाकर ‘बीबीबी- ’ कर दी गई है
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 के कारण किए गए लॉकडाउन से उत्‍पन्‍न लॉजिस्टिक्स एवं अन्य चुनौतियों के बावजूद रसायन और उर्वरक मंत्रालय के रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के अधीनस्‍थ सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) ‘एचआईएल (इंडिया) लिमिटेड’ ने कृषक समुदाय के लिए बिल्‍कुल ठीक समय पर कीटनाशकों का उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित की है।
एचआईएल अब भारत और ईरान के बीच सरकारी स्‍तर पर हुई व्यवस्था के तहत ईरान को टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 25 एमटी मैलाथियान टेक्निकल का उत्पादन और आपूर्ति करने की प्रक्रिया में है। केंद्रीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस वस्तु यानी कीटनाशक का उत्‍पादन कर इसकी आपूर्ति ईरान को करने के लिए एचआईएल से संपर्क किया है।

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जीवन चलाने के लिए जीवन को ही दांव पर लगा दिया गया

विज्ञान के दम पर विकास की कीमत वैसे तो मानव वायु और जल जैसे जीवनदायिनी एवं अमृतमयी प्राकृतिक संसाधनों के दूषित होने के रूप में चुका ही रहा था किंतु यही विज्ञान उसे कोरोना नामक महामारी भी भेंट स्वरूप देगा इसकी तो उसने स्वप्न में भी कल्पना नहीं की होगी। अब जब मानव प्रयोगशाला का यह जानलेवा उपहार उस पर थोपा जा ही चुका है तो निसंदेह उसे प्रकृति के सरंक्षण और उसके करीब रहने का महत्व समझ आ गया होगा। लेकिन वर्तमान में इससे अधिक महत्वपूर्ण विषय है कोरोना महामारी पर मानव जाति की विजय। आज की वस्तुस्थिति तो यह है कि लगभग सम्पूर्ण विश्व ही कोविड 19 के समक्ष घुटने टेके खड़ा है। ना इसका कोई सफल इलाज मिल पाया है और ना ही कोई वैक्सीन। दावे तो कई देशों की ओर से आए लेकिन ठोस नतीजों का अभी भी इंतजार है, उम्मीद अभी भी बरकरार है। अपेक्षा है कि विश्व के किसी न किसी देश के वैज्ञानिकों शीघ्र ही दुनिया को इस महामारी पर अपनी विजय की सूचना देंगे।

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सर्वधर्म सेवा समिति ने क्षेत्र के कई वार्डों को किया सेनेटाइज

कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। सर्वधर्म सेवा समिति परिवार व भाजपा मनोनीत पार्षद सुनील वाल्मीकि के सहयोग से पोखरपुरवा, एबीए कम्पाउंड, जाजमऊ, गोलाघाट, नई बस्ती, माल रोड आदि जगह पर सेनेटाइज किया गया। छावनी विधानसभा से समिति के उपाध्यक्ष फैसल निहाल ने समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र वाल्मीकि को जानकारी दी कि हमारे क्षेत्र में कोरोना महामारी के समय में किसी विभाग ने क्षेत्र में सेनेटाइज व अन्य प्रकार की दवा का छिड़काव नहीं किया है। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र वाल्मीकि ने तुरन्त मनोनीत भाजपा पार्षद सुनील वाल्मीकि से सम्पर्क करके उनसे सेनेटाइजर मशीन लेकिन खुद ही उस क्षेत्र के सभी घरों को सेनेटाइज किया और पता किया की जहां जहां क्षेत्रों में सेनेटाइज नहीं हुआ है। उन क्षेत्रों को भी सेनेटाइज किया जहां-जहां क्षेत्र में इस कार्य को किया गया वहां की जनता ने देखा की समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं समाज की सेवा कर रहे है तो वहां की जनता ने अध्यक्ष को तहेदिल से दुआ दी। मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा रमजान के महीना चल रहा सोमवार को ईद है आपने ऐसे मौके पर इस कार्य को किया है अल्लाह ताला आपको और आपकी संस्था को बहुत सी बरकत से नवाजे। इस मौके पर छावनी विधानसभा समिति उपाध्यक्ष फैसल निहाल, सदस्य नौशद, प्रेम कुमार, अतुल कुमार मौजूद रहे।

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राजनीति बनाम सांप्रदायिकता

आज राजनीति की भाषा और परिभाषा नहीं रह गई है। समय, और परिस्थिति के हिसाब से जो बातें उसके हित में हों वही विचारधारा बन जाती है। अब राजनीति और राजनेताओं के लिए दलित, गाय, हिंदू, अल्पसंख्यक शब्द राजनीति करने के लिए काफी मायने रखते हैं और वो समय-समय पर यह इसे भुनाते भी रहते हैं। इन्हीं पर सियासत करते हुए वो अपने वोटों की हांडी भरते हैं। सियासी गलियारे में जाति, धर्म और भाषा की राजनीति दिन ब दिन बढ़ती जा रही है ताकि चुनावी मौसम में इस्तेमाल किया जा सके। अवसरवादी राजनीति में मुद्दा कोई भी हो, सत्ता में बने रहने के लिए और निजी हितों की पूर्ति तक ही राजनीति सिमट कर रह गयी हैं।
दलितों की चिंता, गौ सेवक, गरीबी हटाना (जो काफी सालों से चलता आ रहा है), स्त्री सुरक्षा, बेटी बचाओ – पढ़ाओ (यह भी काफी समय से चल रहा है) यह सिर्फ खोखली बातें ही लगती हैं। भीड़तंत्र, गाय सेक्युलर धर्म, हिंदुत्व यह बातें सिर्फ सांप्रदायिकता ही फैलाती हैं। लोगों के दिलों में खाई ज्यादा गहरी होती जा रही है।

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कहानी सबक

यही कोई पचास के आस पास उम्र होगी करुणेश की। सेना में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त। वर्तमान में समाज सेवा से जुड़े हैं। और अपना अधिक से अधिक वक़्त समाजसेवा को ही देते हैं। ग्रेटर कैलाश इलाके में एक वृद्धाश्रम भी चलता है उनका। खूब समर्पित रहते हैं और पूरे मनोयोग से वृद्धों की सेवा करते हैं। कभी कीर्ति यश के लिए काम नहीं किया। जो हृदय को सुकून दे बस वही काम किया। अपनी पेंशन का ज्यादा हिस्सा वह इस आश्रम में ही व्यय किया करते हैं।
उस इलाके में कई और भी अनाथालय, वृद्धाश्रम और एनजीओ संचालित हैं। खूब बड़े बड़े बैनर लगे हुए। पर केवल आर्थिक सहायता (अनुदान) लेने के लिए। सरकार को ठगने के लिए। अपना उल्लू सीधा करने के लिए। सब कुछ रजिस्टर में ही होता है वहां, अनुदान बराबर मिलता रहे बस इसी प्रत्याशा में चल रही हैं ये संस्थाएं। सारी गलती उन्हीं संस्थाओं की हो है यह भी नहीं कह सकते, सरकारी मशीनरी ही कुछ ऐसी है कि बिना ” रिटर्न गिफ्ट” वाली संस्थाएं उन्हें फूटी आंखों भी नहीं सुहाती। बिना उसके वह किसी की कोई फाइल नहीं बढ़ने देते। थक हार कर व्यक्ति नाउम्मीद हो जाता है। ऐसा नहीं है कि इन छद्म संस्थाओं ने करुणेश की संस्था के लिए कठिनाई नहीं पैदा की, पर सांच को आंच कहां आती है। करुणेश जी के समर्पण, सेवाभाव और त्याग के आगे वह लोग अपने मंसूबों के कामयाब न हो सके।

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