स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग के कर्मियों के उपयोगार्थ पेटीएम द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को 3 लाख स्वच्छता उत्पाद कराये जा रहे हैं उपलब्ध
संकट की इस घड़ी में सबको आगे बढ़कर जरूरतमंद लोगों का सहयोग करना चाहिये: राजेन्द्र कुमार तिवारी
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी को आज लोक भवन स्थित उनके कार्यालय कक्ष में पेटीएम की ओर से कैटेगरी हेड श्री प्रियांशु मिश्रा ने स्वच्छता उत्पाद किट भेंट की। श्री मिश्रा ने बताया कि कोविड-19 महामारी से राहत एवं बचाव कार्य में अग्रणी भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग के कर्मियों के उपयोगार्थ पेटीएम द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को 3 लाख स्वच्छता उत्पाद उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पेटीएम द्वारा केवीएन फाउण्डेशन के सहयोग से नोएडा में दैनिक मजदूरी पर आश्रित परिवारों जिनके पास लाॅकडाउन के दौरान आजीविका के साधन उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे 10,000 लोगों को फ्रेश कुक्ड फूड उपलब्ध कराया जा रहा है।
भेंट के दौरान राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश के नागरिकों को इस महामारी से बचाव हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। संकट की इस घड़ी में सबको आगे बढ़कर समाज के जरूरतमंद लोगों का सहयोग करना चाहिये। इस वैश्विक संकट के दौरान पेटीएम द्वारा किया जा रहा प्रयास प्रशंसनीय है।
पेटीएम द्वारा उपलब्ध कराये स्वच्छता उत्पादों में 1,20,000 ट्रिपल लेयर मास्क, 75,000 ग्लव्स, 1,15,000 लाइफबाॅय सोप, 400 लीटर लाइफबाॅय लिक्विड हैण्डवाश, 800 लीटर लाइफ हैण्ड सेनेटाइजर शामिल है।
बौद्ध विरासत पर होगा राम मंदिर का निर्माण !
वीकेएस विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर डाक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह, बीएचयू के प्रोफ़ेसर राहुल राज, प्रोफ़ेसर एमपी अहिरवार, जेएनयू प्रोफ़ेसर विवेक कुमार बोले इतिहास आस्था पर नहीं चलता, साक्ष्य ही इतिहास गढ़ते है.
>अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए की जा रही समतलीकरण की खुदाई में मिल रहे बौद्धकालीन अवशेष
>बुद्ध प्रतिमाओं के अवशेष और गुप्तकालीन कलाकृतियों ने बढाई हलचल, बड़ी बहस- अयोध्या ही बौद्ध नगरी साकेत है
पंकज कुमार सिंह-
कानपुर। सूरा रत्ना की दास्तां हो या ह्वेनसांग का दर्शन, प्रोफ़ेसर आग्नेय लाल का शोध या खुदाई में मिले सबूत, अयोध्या यानि बौद्ध नगरी साकेत किसी पहचान की मोहताज़ नहीं है। तभी तो वरिष्ठ प्रोफ़ेसर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह कहते है की किसी के कहने या मानने भर से इतिहास बदल नहीं जाता। साक्ष्य खुद चीख-चीख कर अपने इतिहास को बयां करते है। आखिर में अयोध्या में यही तो दिख रहा है। अयोध्या की भूमि पर पगपग खुदाई के लिए जितने फावड़े चलेंगे, फांवड़े की हर चोट पर बुद्धकाल जी उठेगा।
अयोध्या ही साकेत है यह बात पौराणिक ग्रंथों और प्राचीन इतिहासकारों द्वारा दर्ज दस्तावेजों में देखने को मिलता है। और यह ज़ाहिर होता है कि यही ‘साकेत’ बौद्ध नगरी है जो छठी शताब्दी पूर्व बसी थी। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए की जा रही समतलीकरण की खुदाई के दौरान यह बात पुख्ता सबूतों के साथ उभर कर सामने आ रही है। लेकिन भारत सरकार का पुरातत्व विभाग मौन है। हालांकि अभी तक देश-विदेश के किसी भी पुरातत्वविद और प्राचीन इतिहासकार ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि अयोध्या बौद्धकालीन नहीं है। और न ही कोई ऐसा साबूत पुरातत्वविदों के पास है जो अयोध्या के बौद्ध स्थल होने का विरोध करता हो।
मनरेगा रोजगार दिवस जनपद में एक जून को मनाया जायेगा
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजनान्तर्गत काम करने वाले परिवारों को ग्राम पंचायत में ही श्रम रोजगार उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से जनपद की ग्राम पंचायतों में 1 जून 2020 को समय 10 बजे से 2 बजे अपरान्ह तक कोविड-19 कोरोना वायरस के दृष्टिगत सामाजिक दूरी एवं निर्देशों का पालन करते हुए मनरेगा रोजगार दिवस का आयोजन किया जायेगा।
उपरोक्त जानकारी मुख्य विकास अधिकारी/अति0 जिला कार्यक्रम समन्वयक-मनरेगा जोगिन्दर सिंह ने देते हुए बताया कि मनरेगा रोजगार दिवस के मुख्य उद्देश्य कार्य की मांग को पंजीकृत करना, जांब कार्ड की मांग को पंजीकृत करना, कार्य का आवंटन, दिनांक 1 अप्रैल 2020 से बढ़ी हुई मजदूरी रू. 201/- प्रतिदिन की जानकारी देना, कार्य से संबंधित सूचना की जानकारी देना, मनरेगा से संबंधित शिकायतों को दर्ज करना, योजना के संबंध में ग्राम वासियों को जागरूक कराना, मनरेगा श्रमिका के आधार कार्ड एकत्र करने का अभियान, मनरेगा अभिलेखों को पूर्ण कराना तथा श्रमिकों के जाबकार्ड पर अंकित करना, ग्राम पंचायत मनरेगा लेबर बजट तैयार करने में जागरूक करना एवं अनुमन्य कार्यो से अवगत कराना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के लाभार्थियों को मनरेगा अन्तर्गत 90 मानव दिवस के रोजगार दिये जाने के संबंध में जानकारी देना एवं उनकी मांग को एकत्र करना।
जिलाधिकारी ने किसानों को टिड्डी दल से सतर्क रहने के निर्देश दिये
कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी ने संबंधित अधिकारियों को किसानों की फसलों को टिड्डी दल के प्रभाव से बचाने हेतु निम्नलिखित आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराये के निर्देश दिये।
उन्होंने विशेष कर घाटमपुर, नर्वल, बिल्हौर तहसील क्षेत्रों के किसानों को टिड्डी दल से सतर्क रहने के निर्देश दिये। कृषि ग्राम्य विकास विभाग, प्रशासन एवं पुलिस की टीमों को सतर्क करते हुये टिड्डी दल से बचने हेतु परम्परागत उपायों की जानकारी दिये जाने के निर्देश दियेे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह टोली बनाकर टीन/कनस्टर/थाली/ढोल आदि को बजाकर टिड्डियों को भगाये जाने संबंधी उपाय किये जायें। ट्रैक्टर, व्हीकल माउटेंट पावर स्प्रेयर की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये।
राम मन्दिर मुबारक हो पर बुद्ध की विरासत को सहेजो
बौद्धाचार्य शान्ति स्वरूप बौद्ध बोले सरकार म्यूजियम बना संरक्षित करे अयोध्या की बौद्ध विरासत
भारतीय बौद्ध महा सभा विदर्भ प्रदेश महासचिव शंकर राव ढेगरे की मांग, खुदाई में मिले अवशेषों का पुनर्निमाण हो
कानपुर/नईदिल्ली। अयोध्या में कहीं भी किसी भी स्थान पर खुदाई करवा के देख लो वहां बुद्ध विरासत ही मिलेगी हम यह लिख कर दे सकते है। यह बात बौद्धाचार्य शान्ति स्वरूप बौद्ध ने कही और सरकार से मांग की है कि अयोध्या के समतलीकरण के दौरान खुदाई में निकली बौद्ध विरासत के अवशेषों को सहेजा जाना चाहिए। उन्होंने एक वार्ता में कहा कि राम मन्दिर मुबारक हो लेकिन अयोध्या बौद्ध नगरी है। खुदाई में निकले साक्ष्य इसके प्रमाण है। राम मन्दिर परिषर की जगह जगह खुदाई कराकर वहां के बौद्धकालीन अवशेषों को और बौद्ध विरासत को म्यूजियम में सहेजा जाना चाहिए। इलाहबाद के किले में कैद बुद्ध विरासत को भी सहेजें। इधर भारतीय बौद्ध महासभा ने सचिव सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार व महानिदेशक पुरातत्व सर्वेक्षण को पत्र लिखकर अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण हेतु समतलीकरण की खुदाई में मिले अवशेषों के संरक्षण सहित प्रचीन अवशेषो की जमीन को अधिगृहित करें और उसकी सम्पूर्ण खुदाई कराई जाए। अवशेष नष्ट करने वालों पर दण्डात्मक कर्यवाही हो। खुदाई के दौरान संस्था के पुरातत्वविद चार प्रतिनिधि नियुक्त करने की मांग की है।साथ ही खुदाई मे मिले अवशेषों का पुनर्निमाण कराने की मांग है। इसके लिए सरकार को संस्था मदद करेगी। संस्था के विदर्भ प्रदेश महासचिव शंकर राव डेगरे ने स्पष्ट किया है कि न्यायालय जाने को मजबूर न करते हुए उनके निवेदित मांगो पर कार्यवाही की जाएगी। उधर भिक्खु सुमित रत्न ने साकेत मुक्ति आंदोलन छेड़ा है उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमत्री सहित मुख्यमंत्री और पुरातत्व विभाग के महानिदेशक को बौद्ध विरासत के सरक्षण को ज्ञापन भेजा है। भिक्खु सुमित की अगुवाई में अब तक 123 जनपदों के जिलाधिकारियों की मार्फ़त ज्ञापन दिए गए है।
संतोष गंगवार ने ट्विटर हैंडल @LabourDG का उद्घाटन किया
हैंडल श्रम कल्याण संबंधी नवीनतम आंकड़े प्रदान करेगा
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। श्रम कल्याण से संबंधित अद्यतन नवीनतम आंकड़ों की आपूर्ति करने के प्रयास में, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने कल श्रम ब्यूरो के लिए ट्विटर हैंडल @LabourDG का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, श्रम और रोजगार सचिव श्री हीरालाल सामरिया,एसएलईए औरश्रम ब्यूरो में महानिदेशक श्री डीपीएस नेगी भी उपस्थित थे। मंत्री ने ट्वीट किया कि यह हैंडल भारतीय श्रम बाजार के संकेतकों पर स्नैपशॉट का एक नियमित और अद्यतन स्रोत होगा।
श्रम ब्यूरो, श्रम और रोजगार मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय श्रम कानूनों के विभिन्न पहलुओं जैसे मजदूरी, कमाई, उत्पादकता, अनुपस्थिति, श्रम-परित्याग, औद्योगिक संबंधों, काम करने और रहन-सहन की स्थिति और विभिन्न कार्यों के मूल्यांकन के बारे में जानकारी एकत्र करता रहा है और उसका प्रसार किया है। श्रम ब्यूरो द्वारा प्रसारित सूचना देश में रोजगार नीतियों और प्रक्रियाओं के निर्माण और कार्यान्वयन के लिए सरकार को सलाह देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
नौबस्ता बाई-पास पर प्रवासी मज़दूरों एवं राहगीरों को ब्रेड व मट्ठा वितरण किया गया
कानपुर नगर, स्वप्निल तिवारी। कोरोना महामारी व तपती धूप में प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, जरूरत मंदों को भोजन व ठंडे पानी की व्यवस्था की गई अमित बाजपेयी ने बताया कि आज हमारे पूज्यनीय बाबा जी ब्रह्मविलीन डॉ0 पुरुषोत्तम चन्द्र बाजपेयी की पुण्यतिथि पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते हुए नौबस्ता बाई-पास पर प्रवासी मज़दूरों एवं राहगीरों को ब्रेड व मट्ठा का वितरण किया गया। सामाजिक कार्यों के क्रम को उनके आशीर्वाद से आगे बढ़ने का छोटा सा प्रयास किया गया। इस वितरण कार्यक्रम में हरीश बाजपेई, अमित बाजपेई, रामस्वरूप तिवारी, निन्नी बाजपेई, प्रशांत बाजपेई, कपिल अग्रवाल, अर्पित त्रिवेदी, मनीष मिश्रा, विपिन सिंह, सचिन सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
Read More »एडीबी और भारत सरकार ने महाराष्ट्र में राज्य की सड़कों के सुधार के लिए 177 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने महाराष्ट्र में 450 किलोमीटर (किमी.) लम्बे राजमार्गों और राज्य की प्रमुख जिला सड़कों में सुधार करने के लिए आज 177 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
समझौते पर महाराष्ट्र राज्य सड़क सुधार परियोजना के हस्ताक्षरकर्ताओं में भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालयमें आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव (निधि बैंक और एडीबी) समीर कुमार खरे और एडीबी के लिए उसके कंट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा ने हस्ताक्षर किए।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, श्री खरे ने कहा कि परियोजना राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी केन्द्रों के बीच सम्पर्क में सुधार करेगी, जिससे ग्रामीण लोगों को बेहतर बाज़ार, रोजगार के अवसर और सेवाएं मिल सकेंगी। बेहतर गतिशीलता से राज्य के प्रमुख शहरी केन्द्रों के बाहर से लेकर दूसरे स्तर के शहरों और कस्बों तक विकास होगा और आजीविका के अवसर बढ़ेंगे, जिससे आय में असमानता कम होगी।
सिपेट अब पेट्रोरसायन क्षेत्र के विकास पर पूरी तरह सेध्यान केन्द्रित कर सकेगा : गौड़ा
केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंव प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट)का नाम बदलकर केन्द्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकीसंस्थान किया गया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंव प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) का नाम बदलकर केन्द्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग और प्रोद्योगिकी संस्थान कर दिया गया है।
परिवर्तित नाम तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1975 (तमिलनाडु अधिनियम 27, 1975) के तहत पंजीकृत किया गया है। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा है कि अब सिपेट शिक्षण , कौशल विकास, प्रौद्योगिकी समर्थन और अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित करते हुए पूरी तरह से खुद को पेट्रो रसायन क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित करने की स्थिति में होगा।
प्रधानमंत्री ने विद्युत मंत्रालय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा की
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में बिजली क्षेत्र से जुड़ी नीतिगत पहलों पर चर्चा की गई
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘डिस्कॉम समय-समय पर अपने प्रदर्शन मापदंडों को प्रकाशित करें, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि उनकी डिस्कॉम का प्रदर्शन समकक्ष कंपनियों की तुलना में कैसा है’
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल शाम विद्युत मंत्रालय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा की। इस बैठक में बिजली क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं के निवारण हेतु की गई विभिन्न नीतिगत पहलों पर चर्चा की गई जिनमें संशोधित टैरिफ नीति और बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने बिजली क्षेत्र की परिचालन क्षमता में वृद्धि और वित्तीय निरंतरता या स्थायित्व में बेहतरी सुनिश्चित करते हुए उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने यह बात रेखांकित की कि विद्युत सेक्टर, विशेष रूप से बिजली वितरण क्षेत्र में जो समस्याएं हैं वे सभी क्षेत्रों और राज्यों में एक जैसी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय को सभी राज्यों के लिए ठीक एक जैसा ही समाधान या सॉल्यूशन की तलाश करने के बजाय प्रत्येक राज्य को अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए राज्य-विशिष्ट समाधानों को प्रस्तुत करना चाहिए।