जनता को किया गुमराहःकोई बिल माफ नहीं
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। नगर पालिका परिषद के विपक्षी सभासदों व भाजपा सभासदों ने पालिकाध्यक्ष पर कडा हमला बोला है और पालिकाध्यक्ष पर शहर की जनता को गुमराह करने व अपनी हठधर्मिता करने के आरोप लगाये हैं। आरोप यह भी है कि टैक्स माफ के नाम पर धोखा किया गया है और कोई टैक्स खत्म नहीं किया गया है।
नगर पालिका परिषद के विपक्षी सभासदों निशांत उपाध्याय, विनोद प्रेमी, शहीद कुरैशी, राजेन्द्र कुमार गोयल, विनोद कर्दम, श्रीमती सुषमा, वीरेन्द्र माहौर, श्रीभगवान वर्मा व प्रमोद शर्मा ने आज आगरा रोड स्थित गैलेक्सी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पालिकाध्यक्ष अपनी हठधर्मिता पर उतर आये हैं और सारे गलत कार्य पिछले 1 वर्ष से अपनी पार्टी व शासन/प्रशासन को गुमराह करते चले आ रहे हैं। उनका आरोप है कि 6 जनवरी 18 को प्रथम बोर्ड बैठक में विभिन्न प्रस्ताव एजेण्डा रखे गये थे और उस एजेण्डा में प्रस्ताव संख्या 15-14 में वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, बोर्ड फण्ड, अवस्थापना निधि, स्टाम्प शुल्क आदि से कराये जाने वाले कार्यो की बोर्ड/सक्षम स्तर से स्वीकृति उपरांत टेण्डर एवं भुगतान स्वीकृति का अधिकार अध्यक्ष को दिये जाने के सम्बंध में रखा गया था।
सभासदों का आरोप है कि उक्त तरह का प्रस्ताव ना तो बैठक में रखा जा सकता है और ना स्वीकृत किया जा सकता है और ना ही बोर्ड की वित्तीय पावर को हस्तांतरित किया जा सकता है लेकिन पालिकाध्यक्ष द्वारा विरोध के बाद भी उक्त प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया गया। सभासदों का आरोप है कि पालिकाध्यक्ष व ईओ द्वारा बोर्ड को गुमराह करने के साथ ही शहर की जनता को भी गुमराह किया गया है और सरकारी कर्जदार बना रहे हैं। सभासदों का कहना है कि चुनावों के दौरान जनता से वादा किया गया था कि ग्रह कर व जलकर माफ होगा लेकिन जनता से धोखा किया गया है और इसका आवास विकास के महीपाल सिंह द्वारा जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं में हुआ है। जल कर व ग्रह कर समाप्त नहीं किया गया है बल्कि जनता पर बोझ बढाया जा रहा है।
सभासदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि शहर को ओडीएफ मामले में भी गुमराह किया गया है और शासन को जो रिपोर्ट भेजी गई है वह झूठी है। उनका कहना है कि पालिका जब अपने प्रांगण को ही ओडीएफ नहीं किया गया है तो यह नगर को कैसे कर सकते हैं। पालिका कर्मियों के आवास वाटर वक्र्स में हैं और उन आवासों में ही शौचालय नहीं है। उक्त सभी सभासदों ने जिलाधिकारी से उक्त सभी मामलों की गम्भीरता से जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।
उक्त सभासदों की प्रेसवार्ता के बाद सवाल उठता है कि यह सब मामले जांच के विषय हैं तभी दूध का दूध व पानी का पानी हो सकेगा।