कानपुर, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश, राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद के क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर के द्वारा छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के सभागार में एक समन्वयकों/प्राचार्यों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश, राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 के0 एन0 सिंह ने कहा शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रान्ति के बाद देश में मुक्त विश्वविद्यालयों का मार्ग प्रशस्त होता जा रहा है। आज इंटरनेट के युग में इसका प्रयोग करके उच्चशिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। कार्यशाला की मुख्य अतिथि कुलपति छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर प्रो0 नीलिमा गुप्ता ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात 2016-17 में 25 प्रतिशत रहा जबकि यू0के0 में यह 85 प्रतिशत रहा जबकी हमारे देश में अलग अलग राज्यों के आंकड़े भी अलग अलग हैं। उत्तर प्रदेश के ये आंकड़े 15 प्रतिशत हैं सरकार ने 2020 तक नामांकन आंकड़े 30 प्रतिशत तक बढाने की कही है। जिसको पूरा करने की जिम्मेदारी मुक्त विश्वविद्यालय की भी बनती है। इस प्रकार से शिक्षा को समाज के सभी वर्गों तक सर्व सुलभ बनाने एवं खासकर वंचित वर्ग तक पहुँचाने का संकल्प हम सभी को लेना चाहिए। मुक्त विश्वविद्यालय को विशेष रूप से स्नातक डिग्री इंजीनियरिंग डिग्री के साथ ही किसी रोजगार परक शिक्षा में सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स आदि की पढ़ाई भी यह मुक्त विश्वविद्यालय कर रहे हैं। जिसमे योगा, डेयरी, साइबर लॉ, बागवानी आदि पाठ्यक्रम को भी समयानुकूल रूप से लागू करवाने की प्राथमिकता मुक्त विश्वविद्यालय की है। इसके लिये अध्ययन केंद्रों को सशक्त करने हेतु काम किया जा रहा है। राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय समाज के प्रति अपने दायित्व को समझ कर निर्वहन कर रहा है।
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