Tuesday, June 18, 2024
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वामदलों ने नगर में जुलूस निकालकर की संकल्प सभा

चकिया, चन्दौली। मई इंकलाब जिंदाबाद, शिकांगो के अमर शहीदों को लाल सलाम, 1मई मजदूर दिवस अमर रहे, दुनियां के मेहनतकशों एक हों, अमेरिकी साम्राज्यवाद मुर्दाबाद, सामंतवाद पूंजीबाद मुर्दाबाद, समाजवाद जिंदाबाद, चार श्रम कोड रद्द करो, पुराने श्रम कानूनों को बहाल करो, मजदूर दिवस की विरासत को आगे बढ़ाओ सहित तमाम गगनभेदी नारों के साथ संयुक्त वामपंथी मोर्चा के बैनर तले हांथ में लाल झंडा लिए हुए हजारों की संख्या में मजदूरों ने नगर भ्रमण किया तथा चकिया स्थित गांधीपार्क में संकल्प सभा की। संकल्प सभा को संबोधित करते हुए वामपंथी नेताओं ने कहा कि हम मजदूर वर्ग और मेहनतकस लोग विश्व में 137 वर्षों से 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस दिवस पर हम, काम के घंटे काम करने, 8 घंटा कार्य दिवस का कानूनी अधिकार देने की मांग की लड़ाई में पूंजीपतियों व उनके सशस्त्र बलों द्वारा मजदूर वर्ग पर किए गए बर्बर हमले में मारे गए, घायल हुए, जेल की यातना झेले और फांसी पर चढ़ाए गए साथियों की याद में न केवल श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं, अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं, मजदूर वर्ग की पूंजी की गुलामी से मुक्ति की लड़ाई एवं शोषित पीड़ित मेहनतकश आवाम व राष्ट्रों की लड़ाई का नेतृत्व करने के साथ-साथ वर्तमान दौर में मजदूर वर्ग के अधिकारों सहित जनता के तमाम अधिकारों पर किए जा रहे हमले के खिलाफ संघर्ष के नेतृत्व करने का भी संकल्प लेते हैं।
वामपंथी नेताओं ने आगे कहा कि आज एक बार फिर हमारे देश के हुक्मरान मजदूरों के अधिकारों पर हमला बोलते हुए मजदूर पक्षीय श्रम कानून को रद्द कर चार श्रम कोड लाए हैं जिसमें मई दिवस के संघर्ष की मूल मांग कम के घंटे काम करने के उलट काम के घंटे बढ़ाने, मजदूर वर्ग को अपना संगठन बनाने सहित तमाम अधिकारों को खत्म कर दिया है।
नेताओं ने कहा कि मई दिवस के अवसर पर पूंजीपति परस्त हुक्मरानों को यह एहसास कराना है कि नए श्रम कोड को रद्द करते हुए पुराने श्रम कानूनों को बहाल करने की वामपंथी ताकतों की लड़ाई मजबूत हो रही है। आज वक्त है भारतीय संविधान द्वारा जनता को दिए गए तमाम अधिकारों को एक-एक कर खत्म करते हुए पूरे संविधान को बदल देने की कवायद करने वाली ताकतों को एक धक्का और देने की,इस बार का मई दिवस इस मामले में और महत्वपूर्ण है कि देश की सबसे बड़ी पंचायत का चुनाव होने वाला है और हमें यह जिम्मेदारी निभानी है कि मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान, महिलाएं, अल्पसंख्यक के ऊपर किए जा रहे तमाम हमले का जवाब देते हुए इस जन विरोधी सरकार को बदल देने के लिए एकजुट होकर काम करना।
माकपा के परमानंद मौर्य, भाकपा(माले) के विजई राम, भाकपा के सुखदेव मिश्रा तथा सी आर सी के लाल जी सिंह के चार सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया। संकल्प सभा को अखिल भारतीय किसान महा सभा के चंद्रिका यादव, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के जयनाथ, अखिल भारतीय किसान महासभा के लाल चंद सिंह, सर्वहारा विचार मंच के राम दुलार, अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के जिला सचिव रामायण राम, जनवादी महिला समिति की नेता लालमणि, एपवा जिला उपाध्यक्ष पार्वती वनवासी, भाकपा के शिव मूरत राम, जनवादी नौजवान सभा के बलीराम, राष्ट्रीय जनवादी मोर्चा के रामकेश, इंकलाबी नौजवान सभा के रमेश चौहान, सी आर सी के मिश्रीलाल पासवान, चर्चित आदिवासी नेता रामकृत कोल, एपवा जिलाध्यक्ष मुन्नी गोंड, भाकपा (माले) जिला सचिव अनिल पासवान भगत सिंह विचार मंच के श्याम बिहारी सिंह सहित तमाम नेताओं ने संबोधित किया।