Saturday, May 4, 2024
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सम्मान समारोह में आग नियंत्रित करने में सीएफओ ने खुद को श्रेय दे डाला ?

♦ सम्मान समारोह में लाटुश रोड अग्नि सुरक्षा अधिकारी व दमकल कर्मियों को किया नज़रन्दाज़
कानपुर। एक कहावत सुनी होगी खुदके गाल बजाना। यह कहावत चरितार्थ हो रही है शहर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी दीपक शर्मा पर। आजकल उनके द्वारा पिछले दिनों शहर में हुए भयानक अग्निकांड के दौरान वहां पर मौजूद रहते हुए आग को बुझाने के काम में अपनी भूमिका को लेकर खुद ही डंका पीटा जा रहा हैं। पता चला है कि मुख्य अग्निशमन अधिकारी द्वारा अपने कुछ नदजीकी व्यापारियों और कुछ एक स्वयंसेवी संस्थाओं से मिलकर आग बुझाने के लिए जान जोखिम में डालने वाली टीम के नायक बनकर अपने को सम्मानित करवा रहे हैं।
बांसमंडी अग्निकांड के बाद शहर के अग्निशमन विभाग की भूमिका की शासन स्तर से गुप्त जांच चल रही है, जिसमें मुख्य अग्निशमन अधिकारी पर भी कार्रवाई संभव है, इसको भापकर मुख्य अग्निशमन अधिकारी, बांसमंडी अग्निकांड के केंद्र बिंदु में स्वयं को सर्वश्रेष्ठ अग्नि शमन अधिकारी की भूमिका में रखकर शहर के अपने कुछ चिरपरिचितों, अधिकारियों व सत्ता के नजदीक कुछ संगठनों के जरिए अग्निकांड में अपनी भूमिका को श्रेयष्कर बताते हुए एक अग्नि सुरक्षा अधिकारी के साथ ही कुछ कर्मियों का नाम आगे बढ़ाकर सम्मिलित करवाते हुए पिछले दिनों सम्मान समारोह में श्रेय लेने का कार्य किया है। सम्मान समारोह की एक और बात सामने आई है, चाहे वह भूलवश हो या जानबूझकर। बांसमंडी अग्निकांड क्षेत्र जिस अग्निशमन कार्यालय लाटूश रोड के अंतर्गत आता है वहां के अग्निशमन अधिकारी कैलाश चंद्र का उस सूची में नाम ही नहीं पाया गया और न ही वहां के अन्य दमकल कर्मियों का। इस संबंध में लाटूश रोड अग्निशमन कार्यालय के अंतर्गत आने वाले व्यापारिक, वाणिज्यिक क्षेत्र के कुछ व्यापारियों से जब संवाददाता ने बातचीत की तो उन्हें यह बड़ा नागवार गुजरा। बिरहाना रोड दवा व्यापार मंडल के सदस्य करण सिंह ने बताया कि यहां पर समय-समय पर अग्निशमन विभाग द्वारा अग्नि सुरक्षा जागरूकता सप्ताह मनाया गया है और बीच-बीच में अग्नि सुरक्षा अधिकारी स्वयं यहां पर भ्रमण करते रहते हैं इसी के साथ हटिया स्थिति खोया मंडी व्यापार मंडल के महामंत्री रवि शंकर पांडे ने बताया कि वर्तमान समय में लाटूश रोड अग्निशमन कार्यालय के अग्नि सुरक्षा अधिकारी कैलाश चंद्रा का कार्य वाकई सराहनीय व प्रशंसनीय है और आसपास के क्षेत्र में छोटे-मोटे अग्निकांडो में भी वह हमेशा सबसे पहले पहुंचने वाले अधिकारियों में शामिल रहे हैं। नगर के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार व बर्रा निवासी समाज सेवी संतोष त्रिवेदी के अनुसार लोकसेवक के रूप में किसी अधिकारी का अपने ही कार्यों के लिए स्वयं गुणगान करना हास्यास्पद है, यह कहीं न कहीं उसकी विफलता को दर्शाता है।
सूत्रों से यह भी पता चला है कि वर्तमान समय के मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने जब से कार्यभार संभाला है तभी से अग्नि सुरक्षा के संदर्भ में ना ही कोई बैठक और ना ही स्थानीय नागरिकों से कोई संवाद किया गया। इसके अलावा शहर में उनके द्वारा महत्वपूर्ण स्थलों पर अग्नि रक्षक दल के साथ कभी भी भ्रमण नहीं किया जाते देखा गया। हां यह बात जरूर सामने आई है कि एनओसी के नाम पर केवल नोटिस आदि जारी करने का काम खूब किया गया है।
वायुसेना, नागरिक सुरक्षा, और सीओडी की भी भूमिका महत्वपूर्ण
बांसमंडी अग्निकांड के दौरान जब आग अनियंत्रित हुई थी तो केंद्रीय आयुध भंडार हवाई एयरपोर्ट की टीमों ने पूरी ताकत के साथ आग बुझाने में मदद की थी। ब्रिगेडियर सुदीप के नेतृत्व में तीन-चार दिनों तक घटनास्थल पर भेजा गया था। संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी के अनुसार डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार, एसीपी शिवा सिंह, इस्पेक्टर अनवरगंज अशोक कुमार ने भी सराहनीय कार्य किया।