किशनपुर/फतेहपुर। यमुना का जलस्तर अभी खतरे के निशान से काफी नीचे भले ही दिख रहा है लेकिन जिस हिसाब से दिल्ली में यमुना का बाढ़ का पानी समझ में आ रहा है। उसी स्तर से अगर यमुना का जलस्तर बढ़ा तो किशनपुर क्षेत्र के यमुना के किनारे और निचले गाँवो में रहने वाले कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।
आपको बताते चलें कि किशनपुर और दादो के बीच बन रहे पक्के पुल के कारण तुर्की नाले से पक्केपुल तक काफी ऊंची सड़क बन गई है और दोनों तरफ मिट्टी कटान की रोक के लिए पत्थर भी लगा दिए गए हैं। वहीं दूसरी ओर महावतपुर असहट को जाने वाले संपर्क मार्ग में अभी मिट्टी पुराई का ही काम चल रहा है जिससे की वह मार्ग अभी पूर्ण रुप से तैयार नहीं हो सका। वहीं अगर यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ता है तो यह रास्ता भी बंद हो जाएगा और वही आने जाने वाले लोगों को एक बार फिर नाव का सहारा लेना पड़ेगा। वही यमुना किनारे बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं जिसमें महावतपुर असहट, जगदीशपुर शेन्द्री, महोलीडेरा, पहाड़पुर मढ़ोली कुली दामपुर नरौली सहित कई गांव शामिल है।
वही इस बात को लेकर जब उप जिला अधिकारी खागा लाल मौर्या से बात हुई थी उन्होंने बताया कि गुरुवार, किशनपुर अर्जुनपुर गड़ा, कोट, कुल्ली, दामपुर, प्राथमिक विद्यालय किशनपुर और पंप कैनाल इनको बाढ़ राहत शिविर के रूप में चिन्हित किया गया है।