कानपुर देहात। सरवनखेड़ा विकास खंड के ग्राम गोगुमऊ के मजरा कुटी में ग्रामीणों द्वारा विद्यालय के रास्ते में कूड़ा व गोबर डालने के कारण बरसात के पानी से गंदगी इस तरह से फैली हुई है कि नौनिहालों को विद्यालय में पहुँचना नामुमकिन हो गया है। जैसे-तैसे कुछ बच्चे स्कूल जाते हैं तो कभी कुछ बच्चे वहीं पर फिसल कर गिर जाते हैं तो वह वहीं से घर वापिस चले जाते हैं। बीमारियां फैलने की भी आशंका है जबकि सरकार द्वारा संचारी रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। क्या यह अभियान महज कागजों में ही चलता है यह एक सवाल बना हुआ है। गाँव के अशर्फी, मौसम, राजू, गुड्डू, नंद किशोर, राज कुमार, सुनील, बाबाजी, मोनू, विनोद, रामलखन, नरेश आदि के द्वारा गोबर और गंदगी रास्ते में डाली जाती है।
प्रधानाध्यापक द्वारा ग्राम प्रधान, पंचायत सेक्रेट्री, एडीओ पंचायत, खण्ड विकास अधिकारी सरवनखेड़ा को सूचना देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
ग्राम प्रधान सोहन कुमार का कहना है कि मेरे द्वारा ब्लॉक में कई बार कहा गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई, अंत में कुछ जागरूक ग्रामीणों द्वारा आज तहसील दिवस में भी अपर जिला अधिकारी को भी प्रार्थना पत्र दिया गया है। इस संदर्भ में स्कूल के प्रधानाध्यापक महेन्द्र कटियार का कहना है कि विद्यार्थियों को मुख्य द्वार के बाहर सड़क पर फैली गंदगी से रोजाना रूबरू होना पड़ता है। विद्यालय के आसपास गंदगी के ढेर से दुर्गंध उठ रही है। दरअसल जागरूकता की कमी के चलते स्कूल खुलने से पहले लोग घरों का कचरा और पशुओं का गोबर स्कूल के पास सड़क पर डाल देते हैं। विद्यालय स्टॉफ व आसपास के लोगों ने कई बार मोहल्ले के लोगों को समझाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। विद्यालय के पास सड़क पर कचरा लगातार ग्रामीणों द्वारा डाला जा रहा है। गंदगी के ढेरों से बच्चों में संक्रमित बीमारी के फैलने का डर बना हुआ है। वहीं विद्यालय से महज 100 मीटर दूर सड़क पर गंदा पानी भी भरा रहता है। इन समस्याओं पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।