कानपुर देहात। गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ गई है। तेज धूप और उमस भरी गर्मी के प्रकोप से बच्चों को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। प्यास लगने व चिलचिलाती धूप की वजह से कई बच्चे गस्त एवं दस्त के शिकार हो रहे हैं। स्कूल की टाइमिंग इस कदर है कि उन्हें छुट्टी से लौटते समय भीषण गर्मी का शिकार होना पड़ रहा है। पेट में दर्द व उल्टी आदि होने से कई बच्चों को डॉक्टरों के क्लीनिकों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। सरकारी स्कूलों की क्या स्थिति है यह बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज भी दर्जनों ऐसे प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं जहां बेंच डेस्क तो दूर कमरे तक सही नहीं हैं। यही हाल पेयजल का भी है जहां कोई खास व्यवस्था नहीं है। ऐसे में प्यास बुझाने के लिए कई बच्चों को अन्य जगहों से पानी लेने जाना पड़ता है। कही बिजली है तो कहीं है ही नहीं। इस तरह पंखे के अभाव में बच्चों व शिक्षकों का हाल बेहाल हो गया है। बच्चों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पंखे के बिना भीषण गर्मी में बच्चे पढ़ने को विवश रहते हैं। इसके बावजूद स्कूलों के संचालन में समय परिवर्तन को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं है। अब विभिन्न शिक्षक संगठनों ने स्कूल के समय में परिवर्तन करने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर जिलाधिकारी एवं अपने जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी से समय परिवर्तन करने की मांग की है। वूमेन टीचर्स एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार, जिलाधिकारी नेहा जैन एवं बीएसए रिद्धी पाण्डेय को ज्ञापन देकर स्कूल के समय को परिवर्तित करने का अनुरोध किया है। संगठनों ने सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक विद्यालय संचालन कराने की मांग की है अभिभावक भी स्कूल के समय में परिवर्तन की मांग कर रहे हैं।