⇒पहले यमुना किनारे बसा दिया पूरा शहर, अब बंद आंखों से होगा सर्वे
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। दो दशक में यमुना की गोद में पूरा शहर बस गया। जब भी यमुना में पानी आता है तो हाय तौबा मचने लगती है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के इर्द गिर्द पहुंचते ही बडी संख्या में कॉलोनियों से पलायन शुरू हो जाता है। प्रशासन मुनादी करने लगता है, राहत शिविर में लोग शरण लेते के लिए मजबूर हो जाते हैं। कमोबेश हर साल बिना बाढ़ के मथुरा वृंदावन में बाढ़ के हालात बनते हैं। लोग अब यह सोचने लगे हैं कि सचमुच यमुना में बाढ़ आई तो भयावह स्थिति होंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वृंदावन दौरे के दौरान जल प्लावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। बताया जा रहा है कि वृंदावन में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने यमुना खादर में बसी कॉलोनियों को लेकर कुछ दिशा निर्देश भी दिये। छनकर आ रहीं खबरें लोगों की बेचौनी बढ़ा रही हैं। इसके बाद अधिकारी कुछ हरकत में नजर आ रहे हैं। अब जिला मुख्यालय से इन कॉलानियों के सर्वे के आदेश जारी हुए हैं। यह पहली बार नहीं है कि खादर में बसी करीब 250 कॉलोनियों को लेकर पहली बार हो हल्ला मच रहा है। गाहे बगाहे इन कॉलोनियों को लेकर चर्चा चलती रहती है। कभी छोटी मोटी कार्यवाही भी होती हैं। कुछ एक मकानों को तोड दिया जाता है। कभी हाईकोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट से कोई आदेश लेकर आ जाता है। इस सब के बीच अधिकारी अपनी ही चाल चलते रहे हैं। हालांकि जिलाधिकारी के सर्वे के आदेश के बाद खादर में आशियाना बसा लेने वालों की धडकनें इस समय बढी हुई हैं। लोग कह रहे हैं कि पहले खुली आंखों से यमुना खादर में पूरा शहर बसा दिया अब बंद आंखों से सर्वे होगा। इसमें नुकसान हमारा ही होना है। जिन लोगों ने हमें जमीन बेची और जिन लोगों ने बिजली, पानी के कनेक्शन दिये उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाही कभी नहीं होगी। हमें ही परेशान किया जाएगा। जब यह कॉलोनियां अवैध तरीके से बसी हुई हैं तो जब बसावट हो रही थी तब किसी जिम्मेदार ने टोकाटाकी तक नहीं की।