– बेनीवाल बोलीं- ठान लें तो जीवन में नामुमकिन कुछ भी नहीं
– राज्यमंत्री संगीता बेनीवाल ने शांतिवन में सभा को किया संबोधित
– संस्थान की ओर से बीके गीता दीदी ने शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिंहृ भेंटकर किया सम्मान
आबू रोड (राजस्थान)। मेरा मूलमंत्र है जीवन में नामुमकिन कुछ भी नहीं है। मैं कर सकती हूं। कई बार परिस्थितियां आईं लेकिन खुद को कभी कमजोर नहीं होने दिया। मेरा मानना है कि आप जो भी कार्य करें पूरे समर्पित भाव से करें। इन दोनों बातों के साथ और मेहनत के साथ मैं आगे बढ़ी। पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति की नहीं होने के बाद भी आज इस मुकाम पर हूं। आज जो भी हूं अपनी मेहनत और लगन के कारण हूं।
यह बात राज्यमंत्री राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कही। वह ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के शांतिवन डायमंड हाल में सभा को संबोधित कर रहीं थीं।
इस दौरान संस्थान की ओर से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता दीदी ने राज्यमंत्री बेनीवाल का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया और स्मृति चिंहृ भेंट किया।उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में जिस समर्पित भाव से ब्रह्माकुमार भाई-बहनें सेवा करते हैं वह सीखने लायक है। यहां निरूस्वार्थ भाव से बहनें समाजसेवा में लगी हुई हैं। यहां से मैं सकारात्मक ऊर्जा लेकर जा रही हूं। सभी का विनम्र और सरल स्वभाव मन को छू लेता है। राष्ट्रीय सेमीनार में देशभर से जितने भी बाल आयोग के पदाधिकारी आए सभी यहां से एक सकारात्मक ऊर्जा लेकर गए।
इस मौके पर राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सहायक निदेशक विकास कुमार मीना का भी शॉल और स्मृति चिंहृ भेंटकर स्वागत किया गया। संचालन बीके सुधीर भाई ने किया।